महाकुंभ 2025: चाय, रबड़ी और छोटू बाबा के बाद महाकुंभ पहुंचे मोक्ष पुरी बाबा, विदेश में जगा रहे हैं सनातन की अलख

प्रयागराज
प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ 2025 का शुभारंभ होने जा रहा है. ऐसे में तमाम अखाड़ों और उन से जुड़े बाबाओं का आना शुरू हो चुका है. इसी कड़ी में संगम नगरी प्रयागराज में न्यू मैक्सिको से मोक्ष पुरी बाबा भी महाकुंभ में प्रमुख व्यक्ति बनकर आए हैं. मोक्ष पुरी बाबा का जन्म अमेरिका में हुआ है. वह श्रद्धेय जूना अखाड़े से जुड़े हुए हैं. बाबा सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए कार्य कर रहे हैं.  महाकुंभ में आए मोक्ष पुरी बाबा से जब उनके जीवन के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, मैंने अपने पिछले जीवन में सेना में काम किया, मछली पकड़ने का काम किया.  लेकिन अब पिछले जन्म की चिंता खत्म हो चुकी है. मैंने सनातन धर्म और बौद्ध धर्म के बारे में बहुत कुछ सीखा है. इनके गुढ़ रहस्यों को जानना ही मेरा लक्ष्य है.

25 साल पहले सनातन आस्था ले आई थी प्रयागराज- मोक्ष पुरी बाबा
उन्होंने इस दौरान अपने जीवन के सबसे परिवर्तनकारी मोड़ के बारे में भी बताया, जब वह एक द्वीप पर अपनी पत्नी से मिले. उन्होंने कहा, मैं अपनी पत्नी से पहली बार एक द्वीप पर मिला, इसके बाद से ही हम दोनों का सनातन धर्म के प्रति एक गहरा जुड़ाव हो गया था, जो 25 साल पहले हमें प्रयागराज ले आया. मोक्ष पुरी बाबा का भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक से गहरा जुड़ाव होने के कारण, वह पश्चिमी शैली को छोड़कर सनातन धर्म के रहस्यों को जानने और उनके तौर तरीके से जीने लगे. कुंभ मेले में वे ध्यान, योग, भारतीय संस्कृति और दर्शन को बढ़ावा देना चाहते हैं. उनकी साधारण सी जीवनशैली और आध्यात्मिक ज्ञान ने लाखों लोगों को उनकी तरफ आकर्षित किया है. सनातन धर्म के विकास और उसको बढ़ावा देने के लिए वह न्यू मैक्सिको के टूथ ऑर कॉन्सिक्वेंसेस में आश्रम खोलेंगे. जहां वह सनातन धर्म के ज्ञान को अपने संदेश के जरिए विश्व स्तर पर पहुंचाने का काम करेंगे. उन्होंने आगे कहा जब तक मैं जीवित हूं, मानव सेवा और सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करना ही मेरा काम रहेगा. कुंभ मेले में मोक्ष बाबा की उपस्थिति सनातन धर्म की विशेषता और महिमा को उजागर करती है. जो दुनिया भर के लोगों का इस ओर इशारा करती है.

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