चमोली
उत्तराखंड के चमोली में एवलांच को आए 24 घंटे से ज्यादा हो गए. अभी भी 8 मजदूर फंसे हुए हैं. 47 मजदूरों का रेस्क्यू कर लिया गया है. बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन प्रोजेक्ट में कुल 57 लोग काम कर रहे थे, जिसमें से दो लोग छुट्टी पर थे. ये सभी एवलांच की चपेट में आ गए. हालांकि 47 लोगों को निकाल लिया गया है लेकिन 7 अभी भी फंसे हुए हैं.
सेना, ITBP, BRO, SDRF और NDRF की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन कर रही है. मौसम चुनौती बना हुआ है. सेना का Mi-17 हेलिकॉप्टर स्टैंड बाय पर है. जैसे ही मौसम ठीक होता हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन तेज हो जाएगा. वहीं, सीएम धामी चमोली में ग्राउंड जीरों पर पहुंच गए हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा ले रहे हैं.
फंसे मजदूरों को निकालने के लिए जारी है रेस्क्यू अभियान
बचाव अभियान की जानकारी अपडेट करते हुए उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है. चमोली जिले के ऊंचाई वाले गांव मांड़ा में हिमस्खलन के कारण फंसे कुल 55 बीआरओ (बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन) श्रमिकों में से 47 को बचा लिया गया है. 14 मजदूरों को शनिवार सुबह निकाला गया. जबकि 8 मजदूर अभी फंसे हुए हैं. एवलांच शुक्रवार सुबह 6:30 के करीब आया था.
गंभीर रूप से घायल 3 श्रमिकों को आर्मी चिकित्सालय में कराया गया भर्ती
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मांड़ा के निकट हुए हिमस्खलन में फंसे हुए श्रमिकों को निकालने के लिए चलाए जा रहे राहत एवं बचाव अभियान के क्रम में 14 अन्य श्रमिकों को भी सकुशल बाहर निकाल लिया गया है. बाहर निकाले गए श्रमिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं. गंभीर रूप से घायल 3 श्रमिकों को आर्मी चिकित्सालय, जोशीमठ में उपचार हेतु भेज दिया गया है.
अभी तक कुल 47 श्रमिकों का सफल रेस्क्यू किया जा चुका है. फंसे हुए अन्य श्रमिकों को भी जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकालने के लिए कार्य किया जा रहा है.
इन राज्यों के हैं मजदूर
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी सूची के अनुसार फंसे हुए मजदूर बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर सहित अन्य राज्यों से हैं.
ऋषिकेष-बद्रीनाथ हाइवे पर भी गिरा पहाड़ों का मलबा
कर्णप्रयाग के पास ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाइवे पर भी पहाड़ों का मलबा गिर गया. जिससे ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाइवे अवरुद्ध हो गया है. इसका वीडियो भी सामने आया है. जिसमें देखा जा सकता है कि रास्ते पर बड़े-बड़े पत्थर गिरे हुए हैं. हालांकि, पत्थरों को हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया है.