मुंबई,
सोनी सब के कलाकारों ने पृथ्वी दिवस को मनाने के अपने संकल्प प्रशंसकों के साथ साझा किये हैं। वैश्विक स्तर पर 22 अप्रैल को मनाया जाने वाला पृथ्वी दिवस हमें यह याद दिलाता है कि पृथ्वी की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी हम सभी की है। जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता बढ़ाने से लेकर सस्टेनेबल जीवनशैली अपनाने तक पृथ्वी दिवस सभी को एक हरित भविष्य के लिए सार्थक कदम उठाने के लिए प्रेरित करता है। इस अवसर की महत्ता को दर्शाते हुए सोनी सब के कलाकार करुणा पांडे, वृहि कोड़वरा, परिवा प्रणति और आदित्य रेडिज ने पर्यावरण के प्रति जागरूकता, व्यक्तिगत पर्यावरण-अनुकूल आदतों और प्रकृति को समर्पित अपने-अपने विशेष तरीकों से इस दिन को मनाने के संकल्प साझा किए।
पुष्पा इम्पॉसिबल में पुष्पा की भूमिका निभा रही करुणा पांडे ने कहा,पृथ्वी दिवस का उत्सव प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने वाली अन्य समस्याओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, कोविड-19 के बाद से हम सभी पर्यावरण की महत्ता को और बेहतर तरीके से समझने लगे हैं। पृथ्वी और पर्यावरण की रक्षा का सबसे सरल उपाय है। कम उपयोग करें, पुन: उपयोग करें और रीसाइकल करें (तीन आर- रिड्यूस, रीयूज और रीसाइकल)। हमें संसाधनों का सस्टेनेबल उपयोग अपनाना चाहिए और 'तीन आर' के सिद्धांतों का पालन करते हुए प्राकृतिक संसाधनों और भूमि क्षेत्र की रक्षा करनी चाहिए।
पुष्पा इम्पॉसिबल में स्वरा की भूमिका निभा रही वृहि कोड़वरा ने कहा,मुझे पौधे, पेड़ और तितलियाँ बहुत पसंद हैं! मेरी मां कहती हैं कि पृथ्वी को अपने घर जैसा समझो, इसलिए मैं इसे साफ़ रखने की कोशिश करती हूँ और कभी पानी बर्बाद नहीं करती। इस पृथ्वी दिवस पर, मैं चाहती हूँ कि हर कोई एक पेड़ लगाए और हर दिन प्रकृति का ध्यान रखने का वादा करे।
वागले की दुनिया -नई पीढ़ी, नई सोच में वंदना का किरदार निभा रही परिवा प्रणीति ने कहा,एक माँ, एक कलाकार और एक नागरिक के तौर पर मैं मानती हूँ कि अगली पीढ़ी के लिए एक हरित और स्वस्थ पृथ्वी छोड़ना हमारी जिम्मेदारी है। पृथ्वी दिवस एक सुंदर अवसर है यह याद दिलाने का कि हर छोटा कदम मायने रखता है। चाहे वह कचरे को कम करना हो, पानी बचाना हो या एक पेड़ लगाना। बदलाव की शुरुआत घर से होती है, और हम सभी के पास फर्क लाने की ताकत है।
तेनाली रामा में कृष्णदेवराय की भूमिका निभा रहे आदित्य रेडिज ने कहा,एक समझदार और न्यायप्रिय शासक कृष्णदेवराय की भूमिका निभाते हुए मुझे बार-बार यह एहसास होता है कि हमारे पूर्वजों में प्रकृति के प्रति कितना सम्मान था। आज के समय में हमें उस संतुलन और जिम्मेदारी को फिर से जीवित करने की ज़रूरत है। पृथ्वी दिवस सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि एक आह्वान है। आइए हम स्थायित्व को न केवल अपने लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी चुनें।