कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने बिहार की कानून व्यवस्था और नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा पर बोला तीखा हमला

पटना

बिहार कांग्रेस मुख्यालय, सदाकत आश्रम में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता और सोशल मीडिया एवं डिजिटल मंच की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था और नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने नकली दवा निर्माण में मंत्री की भूमिका को लेकर राज्य सरकार पर सीधा हमला बोला।

सुप्रिया श्रीनेत ने बताया कि बिहार सरकार के नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा, जो अल्टो हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के निदेशक हैं, उनकी कंपनी द्वारा राजस्थान के राजसमंद जिले में भेजी गई सिप्रोलिन-500 टैबलेट घटिया और नकली पाई गई। इस मामले में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स अधिनियम की कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज हुआ।

4 जून 2025 को राजस्थान की अदालत ने जीवेश मिश्रा सहित 9 लोगों को दोषी करार दिया, लेकिन जेल भेजने के बजाय प्रोबेशन ऑफ ऑफेंडर्स अधिनियम, 1958 की धारा 4 और 5 के तहत राहत देते हुए जुर्माना लगाकर छोड़ दिया गया। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “यह केवल कानूनी मामला नहीं, बल्कि मानवीय, नैतिक और जनस्वास्थ्य से जुड़ा प्रश्न है। क्या मंत्री पद पर बैठा व्यक्ति इतनी गंभीर लापरवाही को ‘पहली गलती’ कहकर बच सकता है?”

कांग्रेस की तीन प्रमुख मांगें
    मंत्री जीवेश मिश्रा को तत्काल पद से हटाया जाए और राजनीतिक जवाबदेही तय की जाए।
    स्वास्थ्य मंत्रालय और औषधि नियंत्रण प्राधिकरण यह स्पष्ट करे कि अब तक इस मामले में क्या कार्रवाई की गई।
    जनता के समक्ष पूरी पारदर्शिता लाई जाए – क्या अन्य दवाओं की भी जांच हुई? और कितने मामले अभी उजागर होने बाकी हैं?

बिहार में ‘गुंडाराज’, कानून व्यवस्था पर कांग्रेस का हमला
राज्य में बढ़ते अपराधों को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि “आज बिहार में एनडीए का शासन नहीं, बल्कि गोलियों का राज है-यानी गुंडाराज।” उन्होंने राजधानी पटना सहित पूरे राज्य में व्यापारियों की हत्या, खुलेआम गोलीबारी, पुलिस पर हमले और महिलाओं-बच्चियों पर हो रहे अत्याचारों का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया।

6 महीनों में 9 व्यापारियों की हत्या
    रमाकांत यादव (11 जुलाई, पटना) – घर के बाहर गोली मारकर हत्या
    गोपाल खेमका (4 जुलाई, पटना) – होटल के पास हत्या
    अंजनी सिंह (22 जून, पुनपुन) – हाईटेक हथियारों से हमला
    रजी अहमद (19 जून, मालेगांव) – ज़मीन विवाद में हत्या
    विनय गुप्ता (मई, भागलपुर) – किराना व्यवसायी की हत्या
    रमेश चंद्रा (मार्च, मुजफ्फरपुर) – मिट्टी कारोबारी
    संजय अग्रवाल (अप्रैल, गया) – ज्वेलरी की दुकान में लूट के बाद हत्या
    सुरभी (मार्च) – अस्पताल की संचालिका, चैंबर में मारी गईं
    विनोद मेहता (जनवरी, भागलपुर) – कपड़ा व्यवसायी

महिलाओं और बच्चियों पर अत्याचार
पिछले 15–20 दिनों में पटना, मुजफ्फरपुर, छपरा, बेतिया, सीतामढ़ी, बगहा, अररिया, मुंगेर जैसे जिलों में नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार और हत्या के कई मामले सामने आए। राज्य में प्रतिदिन औसतन 28 महिलाओं का अपहरण और 55 महिला अपराध दर्ज हो रहे हैं।

पुलिस पर हमलों में भी बढ़ोतरी
    मुंगेर और अररिया में दो सहायक पुलिस निरीक्षकों की हत्या हुई।
    सिर्फ पटना में इस वर्ष अब तक 116 हत्या और 41 बलात्कार दर्ज हुए हैं।
    पुलिस मुख्यालय के अनुसार, 151 दिनों में पुलिस पर 1297 बार हमले हुए।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार:
    वर्ष 2005 में बिहार में 1,07,664 अपराध दर्ज हुए थे, जबकि 2022 में यह संख्या 3,47,835 तक पहुंच गई।
    हत्या, बलात्कार, अपहरण, फिरौती जैसे अपराधों में 206% की वृद्धि हुई है।
    महिला अपराधों में 336%, महिलाओं के अपहरण में 1097% और बच्चों के विरुद्ध अपराधों में 7062% की बढ़ोतरी हुई।

गैंगवार और सामाजिक हिंसा
बेगूसराय, मोकामा, पंडारक, बांका जैसे इलाकों में लगातार गैंगवार हो रहे हैं। सीतामढ़ी में "तालिबानी सज़ा" के नाम पर 5 बच्चों को नग्न कर सड़कों पर घुमाया गया, जो समाज और कानून के लिए शर्मनाक है। मीडिया सम्मेलन में राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दुबे, कोषाध्यक्ष जितेंद्र गुप्ता, मीडिया विभाग प्रमुख राजेश राठौड़, सोशल मीडिया प्रभारी प्रणव झा, सौरभ सिंहा, असित नाथ तिवारी और अचला सिंह सहित कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता उपस्थित थे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *