बिहार चुनाव 2025 : इंडो-नेपाल बॉर्डर पर सट्टे का अड्डा: IPL की तर्ज पर लग रहे लाखों के दांव

फारबिसगंज

भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र में जनादेश से पहले धनादेश का खेल शुरू हो गया है । बिहार की राजनीति न सिर्फ अब मतदान के मैदान में बल्कि सट्टे के बाजार में भी अपनी किस्मत आजमा रही है। बिहार विधानसभा चुनाव के मतदान संपन्न हो चुके हैं और मतपेटियों में अब तक का सबसे बड़ा जनादेश कैद हो चुका है। जहां जनता का फैसला 14 नवंबर को खुलेगा, वहीं फारबिसगंज सहित सीमांचल से लेकर नेपाल और बंगाल की सीमा तक सट्टे का खेल अपने चरम पर है। सीमा पार नेपाल के विराटनगर और पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी सहित फारबिसगंज, अररिया, पूर्णिया से लेकर कटिहार तक सट्टा बाजार खूब गर्म है। सटोरिए न सिर्फ हार-जीत पर बल्कि उम्मीदवारों के वोटों के अंतर पर भी लाखों का दांव लगा रहे हैं।

दिलचस्प बात यह है कि पहले आईपीएल और क्रिकेट मैचों पर दांव लगाते थे मगर अब खासकर व्यापार से जुड़े लोग चुनावी सट्टे के नए बाजार में सक्रिय हो गए हैं। मोबाइल एप्स और ऑनलाइन ग्रुप्स के ज़रिए युवा वर्ग भी इस का हिस्सा बन चुका है। फारबिसगंज और विराटनगर में सैकड़ों युवाओं के मोबाइल फोन पर यह राजनीतिक ट्रेडिंग चल रही है।

सीमावर्ती इलाकों में प्रशासन की निगरानी बढ़ाई गई है, परंतु सट्टा कारोबार पूरी तरह भूमिगत नेटवर्क से संचालित हो रहा है। नेपाल की खुली सीमा और बंगाल की नज़दीकी के कारण एजेंसियों के लिए इसे रोक पाना मुश्किल साबित हो रहा है।

सत्ता के लिए सट्टा—जनादेश से पहले धनादेश का खेल

जनता का फैसला अभी ईवीएम में बंद है, पर सत्ता के सौदागर पहले ही अपने-अपने हिसाब से हार-जीत तय कर रहे हैं।बिहार की राजनीति अब न सिर्फ मतदान के मैदान में, बल्कि सट्टे के बाजार में भी अपनी किस्मत आज़मा रही है । जहां हर वोट की कीमत लाखों में आंकी जा रही है।

एनडीए की 200 पार पर ‘ठंडा’ बाजार, इंडिया गठबंधन पर हलचल तेज

सट्टा बाजार के रुझानों के अनुसार बिहार में एनडीए को 125 से 135 सीटें, जबकि इंडिया गठबंधन को 100 से 120 सीटें मिलती दिख रही हैं। हालांकि एनडीए के 200 पार के नारे पर सट्टा बाजार में खास उत्साह नहीं है। एक सटोरिए ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एनडीए की जीत पर तो भाव अच्छा चल रहा है, लेकिन 200 पार की बात पर कोई पैसा लगाने को तैयार नहीं। बाजार इसे अव्यावहारिक मान रहा है। इसके विपरीत, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव की जीत-हार पर सट्टा बाजार में जबरदस्त दांव लग रहे हैं। दोनों भाइयों की सीटों को हॉट सीट घोषित किया गया है, जहाँ मतों के अंतर पर लाखों रुपये का सट्टा लग चुका है।

नेपाल के विराटनगर और बंगाल के सिलीगुड़ी बने सट्टे के अड्डे

फारबिसगंज में भाजपा और कांग्रेस के बीच, अररिया में कांग्रेस-जदयू के बीच, नरपतगंज में भाजपा-राजद के बीच और धमदाहा में जदयू की लेसी सिंह और राजद प्रत्याशी पर भारी सट्टा चल रहा है। सहरसा, मधेपुरा और कटिहार की सीटों पर भी जीत-हार के अंतर पर हाई वैल्यू दांव लगाए जा रहे हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी

फारबिसगंज एसडीपीओ मुकेश कुमार साहा ने कहा कि इस तरह के धंधे पर प्रशासन की सख्त नजर है। सीमा पर भी पुलिस सक्रिय है। ऐसे सटोरियों की खैर नहीं है। जो इस तरह के धंधे को अंजाम दे रहे हैं ,पकड़े जाने पर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

जानकार बताते हैं कि सीमा पार नेपाल के विराटनगर स्थित मारवाड़ी अतिथि सदन के पास मंगलवार की शाम से ही सटोरियों की भीड़ जुट रही है। सूत्रों के अनुसार मतदान खत्म होते ही यहां राजनीतिक सट्टे की बड़ी मंडी सज गई। वहीं सिलीगुड़ी के एक होटल में भी करोड़ों रुपये के दांव खेले जा रहे हैं। राजस्थान से आए कुछ कारोबारी इस अवैध धंधे के प्रमुख संचालक बताए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार, कई भारतीय व्यापारी जो नेपाल में कारोबार करते हैं, वे भी इस राजनीतिक सट्टे में खास दिलचस्पी ले रहे हैं।

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