नई दिल्ली
OpenAI ने हाल ही में अपना पहला Agentic AI ब्राउजर ATLAS लॉन्च किया. इसके तुरंत बाद गूगल के शेयर गिरे और बताया गया कि 150 बिलियन डॉलर्स का नुकसान हो गया. लेकिन असली कहानी सिर्फ ब्राउजर की नहीं है, बल्कि इससे कहीं आगे की है.
OpenAI एक ऐसा मार्केट कैप्चर करने की तैयारी में है जो फिलहाल एग्जिस्ट ही नहीं करता है. Agentic AI अभी भी शुरुआती स्टेज में है, लेकिन सैम ऑल्टमैन अगले कुछ सालों में इस स्पेस को कैप्चर कर लेंगे और गूगल फिर से पिछड़ सकता है.
लगभग 4 साल पहले जब ChatGPT शुरू हुआ था तब हमने आपको बताया था कि कैसे ये कंपनी गूगल को टक्कर देगी और मोनॉपली तोड़ेगी. अभी कमोबेश वैसा हो चुका है. गूगल सर्च में लगाार गिरावट देखी जा रही है और कंपनी को भारी नुकसान भी हो रहा है. लोगों की डिपेंडेंसी गूगल पर कम हो चुकी है,
Agentic AI – कंप्यूटर खुद से करेगा सबकुछ
ATLAS ब्राउजर Google Chrome वाले तमाम फीचर्स देता है, लेकिन साथ ही इसमें दिया गया ऐसिस्टेंट आपके कमांड पर खुद से काम करता है. निश्चित तौर पर ये ब्राउजर गूगल क्रोम को टक्कर देगा.
ATLAS लॉन्च के दूसरे दिन ही OpenAI ने ऐलान किया कि उन्होंने Apple Shortcut बनाने वाली टीम को खरीद लिया यानी उनका अधिग्रहण कर लिया. दरअसल जिस टीम ने ऐपल का बड़ा ऑटोमेशन ऐप Shortcut बनाया था अब वो OpenAI के पास है. इस टीम ने सबसे पहले Workflow बनाया था जिसके बाद ऐपल ने इस टीम को खरीदा और उनसे Shortcut ऑटोमेशन बनवाया था.
मैकबुक में ऑटोमेशन का डीप इंटीग्रेशन करती है Sky टीम
ऐपल की वो टीम जिन्होंने 'शॉर्टकट' बनाया था उन्होंने पहले ही ऐपल छोड़ दिया था. यही टीम SKY AI चला रही थी. Sky की टीम AI पावर्ड नैचुरल लैंगवेज इंटरफेस पर काम कर रही थी. दरअसल ये इंटरफेस भी ऐपल के मैक कंप्यूटर्स के लिए है जो डेस्कटॉप पर आपके एजेंट की तरह काम करता है और यूजर्स इसके जरिए कोडिंग से प्लानिंग तक कर सकते हैं.
जैसे ChatGPT जैसा टूल वेब पर काम करता है उसी तरह Sky मैकबुक में नेटिव लेवल पर काम करता है और बिना यूजर के इंटरवेंशन के खुद से टास्क कंपलीट करता है. उदाहरण के तौर पर आप मैकबुक से सिर्फ Sky के जरिए कोई भी टास्क परफॉर्म करा सकते हैं.
खुद से काम करेगा कंप्यूटर
ये पूरा खेल ऑटोमेशन का है. यानी अब तक कंप्यूटर को आप चलाते हैं, लेकिन फ्यूचर में कंप्यूटर खुद से सबकुछ करेगा आपको बस कमांड देना है.
क्या कम्प्यूटिंग का मॉडल वाकई बदलने वाला है? तीन दशक तक हमारा रिश्ता कंप्यूटर से एक ही तरह का रहा. हम क्लिक करते हैं, टाइप करते हैं, और सिस्टम उसका जवाब देता है.
Open AI उस व्यवस्था को उलटने की कोशिश कर रहा है. जहां इंसान सिर्फ बताता है कि उसे क्या चाहिए, और सिस्टम खुद सबकुछ संभालता है. यह बदलाव जितना तकनीकी है, उतना ही प्रैक्टिकल भी, क्योंकि डिजिटल दुनिया में समय, ध्यान और नेविगेशन से जुड़ी थकान एक प्रॉब्लम बन चुकी है.
ATLAS और SKY मिल करेंगे धमाल
ATLAS ब्राउजर लॉन्च हो ही चुका है और अब SKY की टीम यानी 12 पूर्व ऐपल इंप्लॉइज भी अब OpenAI के पास है. ओपनएआई ने SKY को इसलिए एक्वायर किया है ताकि ChatGPT जैसे टूल्स सिर्फ चैटबॉट न रहें, बल्कि आपका कंप्यूटर एजेंट की तरह सारे काम खुद कर सके.
ओपनएआई का मकसद है, AI को आपके OS, ऐप्स, ब्राउज़र और फाइल्स के अंदर गहराई से इंटीग्रेट करना ताकि आप कोई भी टास्क कहें और AI उसे अंजाम दे दे. Sky टीम, जो ऑटोमेशन में एक्सपर्ट है, अब OpenAI के साथ मिलकर अगले जनरेशन का कंप्यूटिंग मॉडल तैयार कर रही है.
रेस में OpenAI के पीछे क्यों दिख रहा Google?
AI रेस में कुछ समय तक के लिए गूगल पिछड़ जरूर गया था, लेकिन अब तेजी से कैचअप कर रहा है. हालांकि अब भी देखें तो ऐसा लगता है कि गूगल लगतार दूसरी AI कंपनियां को टक्कर दे रही हैं जिनमे से एक बड़ा नाम Perplexity का भी है.
हाल ही में Perplexity ने Comet एजेंटिक ब्राउजर लॉन्च किया था और तुरंत बाद गूगल ने भी क्रोम ब्राउजर में ऐसिस्टेंट दे दिया. अब मार्केट में OpenAI का ATLAS आ गया है और इसका पूरा नुकसान Google Chrome को होगा. क्योंकि माइक्रोसॉफ्ट ने भी एजेंटिक AI ब्राउजर लॉन्च किया है जो सीधी टक्कर गूगल को ही देगा.
Open AI में माइक्रोसॉफ्ट ने भी काफी निवेश किया है, इसलिए गूगल के लिए ये पूरा डेवेलपमेंट परेशानी का सबब बन सकता है. इसलिए अगर आपका ऐसा लगता है कि गूगल की मोनोपली कोई तोड़ नहीं सकता तो गलत हैं. गूगल की मोनॉपली ऑलरेडी कई टेक कंपनियां तोड़ रही हैं.
दो साल पहले तक कोई ये नहीं सोच रहा था कि गूगल सर्च को कोई टक्कर दे ही नहीं सकता. लेकिन अब सबकुछ बदल चुका है और गूगल सर्च का ट्रैफिक हर दिन गिर रहा है. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि एजेंटिक AI की रेस में गूगल दूसरों से आगे निकलने के लिए क्या बड़ा करता है.