रांची
झारखंड उच्च न्यायालय ने बीते मंगलवार को राज्य सरकार को होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार के प्रबंधन के लिए तत्काल एक नियमित अधीक्षक की नियुक्ति करने का निर्देश दिया।
मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति राजेश शंकर की खंडपीठ मीडिया के एक वर्ग में हाल ही में प्रकाशित खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए शुरू की गई एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इन खबरों में जेल परिसर में दो विचाराधीन कैदियों के “एक हॉल के अंदर नाचने” का जिक्र था, जिसका वीडियो व्यापक रूप से प्रसारित हुआ था। अदालत ने सरकार को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि मोबाइल फोन, चार्जर, मादक पदार्थ आदि जेल परिसर में नहीं पहुंच सकें।
पीठ ने जिला प्रशासन के साथ-साथ झारखंड विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) के अधिकारियों को जेल के अंदर नियमित अंतराल पर औचक निरीक्षण करने को कहा। इस मामले में अगली सुनवाई पांच जनवरी 2026 को होगी। ये विचाराधीन कैदी शराब घोटाले में कथित संलिप्तता को लेकर हिरासत में हैं। आईजी (जेल) सुदर्शन मंडल ने 12 नवंबर को खबर प्रकाशित होने के तुरंत बाद बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार के सहायक जेलर देवनाथ राम और वार्डर बिनोद यादव को कर्तव्य में लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया था।