नरसिंहपुर/बोहानी
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के बोरतलाव थाना क्षेत्र में हुई एक भीषण नक्सली मुठभेड़ में, नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा तहसील के बोहानी गांव के निवासी और मध्यप्रदेश हॉक फ़ोर्स के जाँबाज इंस्पेक्टर आशीष शर्मा वीरगति को प्राप्त हो गए हैं।
उनकी शहादत ने पूरे क्षेत्र को शोक संतप्त कर दिया है। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र पुलिस की एक संयुक्त सर्चिंग टीम बुधवार सुबह सीमावर्ती इलाक़े में नक्सल विरोधी अभियान चला रही थी, जहां तीनों राज्यों के बॉर्डर पर स्थित बोरतलाव क्षेत्र में करीब 25 से 30 नक्सलियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी।
जैसे ही संयुक्त सर्चिंग टीम घटनास्थल पर पहुंची, नक्सलियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। बताया गया है कि इंस्पेक्टर आशीष शर्मा उस समय तीनों टीमों का नेतृत्व कर रहे थे, और इसी फायरिंग की जद में आने से उन्हें गोली लग गई। गंभीर रूप से घायल आशीष शर्मा को तत्काल डोंगरगढ़ अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
वर्ष 2016 में उनका चयन सब इंस्पेक्टर के पद पर हुआ था, हालांकि इससे पहले वह इंटेलिजेंस में आरक्षक के रूप में भी सेवाएं दे चुके थे। नक्सल विरोधी अभियानों में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिला था, और उनकी बहादुरी के लिए उन्हें पिछले दो सालों में भारत सरकार की ओर से दो वीरता पदक से भी सम्मानित किया जा चुका था।
परिजनों और पारिवारिक मित्रों ने बताया कि उनकी शादी आगामी जनवरी 2026 में होने वाली थी, लेकिन देशसेवा में दिए गए उनके सर्वोच्च बलिदान ने खुशियों को मातम में बदल दिया। शहादत की सूचना मिलते ही, जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक (एसपी) एवं स्थानीय विधायक ने तत्काल शहीद के निवास पर पहुंचकर शोकाकुल परिवार को संवेदनाएं प्रदान कीं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट कर इंस्पेक्टर आशीष को श्रद्धांजलि अर्पित की, और लिखा कि उनका सर्वोच्च बलिदान राष्ट्रीय नक्सल उन्मूलन अभियान में सदैव अविस्मरणीय रहेगा तथा उन्होंने नरसिंहपुर जिले के गौरवशाली इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कर दिया है।