बैतूल में संविदा कर्मचारियों का अनोखा प्रदर्शन, थाली-चम्मच-लोटा बजाकर आदिवासी विकास विभाग के खिलाफ आंदोलन

बैतूल

प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्य करने वाले संविदा कर्मचारी 20 नवंबर को 22 जुलाई 2023 को समान्य प्रशासन विभाग से जारी संविदा नीति के विरोध में सभी जिला मुख्यालयों पर घंटी, थाली, चम्मच, लोटा बजाकर सरकार को जगाने के लिए प्रदर्शन करेंगे।उधर, बैतूल में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा दैनिक वेतन भोगी भृत्य को सेवा से पृथक करने के आदेश के विरोध में भोपाल में सतपुड़ा भवन में प्रदर्शन किया जाएगा।

मध्यप्रदेश संविदा अधिकारी कर्मचारी महासंघ के प्रांताध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा इसमें सुधार को लेकर जो घोषणा की गई थी उसके अनुसार आदेश जारी नहीं किए गए हैं।

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राठौर ने बताया कि 20 नवंबर को पूरे प्रदेश में संविदा कर्मचारियों के द्वारा घंटी बजाई जाएगी और सरकार में बैठे अधिकारियों को कुंभकरण की नींद से जगाया जाएगा और संविदा नीति में संशोधन करने की मांग की जाएगी।

संविदा कर्मचारी भोपाल में दोपहर 1:30 बजे राज्य शिक्षा केंद्र के सामने घंटी बजाकर सरकार को जगाएंगे और मांग करेंगे कि संविदा नीति की विसंगतियों को दूर किया जाए।

यह संशोधन चाहते हैं संविदा कर्मचारी सामान्य प्रशासन विभाग ने 22 जुलाई 2023 की संविदा नीति में नियमित भर्ती में 50 प्रतिशत आरक्षण के साथ एक लाइन जोड़ दी है जो ठीक नहीं है। इससे तो 2018 की संविदा नीति रही है जिसमें नियमित भर्ती के लिए निकलने वाले पदों का 20 प्रतिशत आरक्षण ही ठीक था।

संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ की मांग है कि सरकार नियमित भर्ती का सीधे 50 प्रतिशत पद संविदा कर्मचारियों के लिए आरक्षित रखें। इसमें किसी भी प्रकार का कोई किंतु, परंतु नहीं जोड़ा जाए और उन पदों पर वरिष्ठता के आधार पर नियमित किया जाए।

नए और 25 साल से काम कर रहे कर्मचारियों का वेतन मान सही हो संविदा नीति 22 जुलाई 2023 में सातवां वेतन निर्धारण करते समय जो संविदा कर्मचारी अधिकारी समान पद पर 25-30 साल से कार्य कर रहा है और जो नया नियुक्त हो रहा है उसका वेतन और नए कर्मचारियों का वेतन एक समान है।

वरिष्ठता के हिसाब से कोई वेतन निर्धारण नहीं किया गया है। वरिष्ठता के अनुसार संविदा कर्मचारियों को इतने वर्षों का इन्क्रीमेंट लगाते हुए, समयमान वेतनमान, क्रमोन्नति के अनुसार वेतन निर्धारण करते हुए वेतन निर्धारण किया जाना चाहिए।

संविदा कर्मचारियों को पहले नियमित कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता प्रदान किया जाता था। 22 जुलाई 2023 की संविदा नीति में महंगाई भत्ते के सीन पर सीपीआई इंडेक्स कर दिया गया जिसके कारण संविदा कर्मचारियों के वेतन में बहुत कम वेतनवृद्धि होती है। इसलिए संविदा कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन और मंहगाई भत्ता दिया जाना चाहिए।

ग्रेड पे में सुधार किया जाए विभागों ने 22 जुलाई 2023 की संविदा नीति के अनुसार बहुत से पदों के ग्रेड पे कम कर दिए हैं। जैसे वर्षों से डाटा एंट्री ऑपरेटर को 2400 ग्रेड पे के अनुसार वेतन दिया जा रहा था उनको 1900 रुपए कर दिया है।

जिला परियोजना समन्वयक, विकास खण्ड समन्वयक, जिला महिला जेंडर समन्वयक इनका ग्रेड पे जो पहले मिल रहा था उससे कम कर दिया गया है। सहायक ग्रेड 1 को सहायक ग्रेड 3 बना दिया गया, लेखापाल का वेतन निर्धारण 2800 की जगह 2400 से कर दिया गया। प्रोग्रामर, एमआईएस, कोआर्डिनेटर, स्टेनोग्राफर इन सबका वेतन निर्धारण सही किया जाए ।

यह सब शासन के वित्त विभाग के दबाव में किया है। उसे सुधारा जाए और जिन पदों निर्धारण हुआ है, उनका निराकरण किया जाए।

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती की जाए विभागों ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जैसे भृत्य, चौकीदार, रसोईया, वाहन चालक इनकी भर्ती वर्षों से बंद कर रखी है, संविदा नीति 2022 में 50 प्रतिशत् का प्रावधान नियमित पद आरक्षण का प्रावधान किया है।

विभिन्न विभागों में संविदा पर कार्य करने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जैसे भृत्य, चौकीदार, रसोईया, वाहन चालक का क्या होगा? इसके विभागों में जहां पर चतुर्थ श्रेणी और वाहन चालक के पद रिक्त हों, इनका सीधे उन विभागों में संविलयन कर नियमित किया जाए और नियमित वेतनमान दिया जाए।

अवकाश देने में समानता हो 4 जुलाई 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री ने संविदा कर्मचारियों के समान अवकाश दिए जाने की घोषणा की थी। जिसमें अर्जित अवकाश, आकस्मिक अवकाश, चिकित्सा अवकाश, ऐच्छिक अवकाश, महिला संविदा कर्मचारियों के लिए चाइल्ड केयर लीव कर्मचारियों के लिए 7 दिन का विशेष अवकाश भी शामिल था।

22 जुलाई 2023 की संविदा नीति में जब आदेश आया उसमें आकस्मिक अवकाश के साथ केवल 15 दिन का विशेष अवकाश प्रदान किए गए।

शासकीय आवास की पात्रता हो, मकान किराया भत्ता मिले संविदा कर्मचारियों को भी नियमित कर्मचारियों के समान शासकीय आवास की पात्रता और मकान किराया भत्ता, वाहन भत्ता तथा नियमित कर्मचारियों के समान सुविधाएं और लाभ दिया जाए।

संविदा कर्मचारियों को भी मृत्यु होने पर नियमित कर्मचारियों के समान उसके परिवार को एक्सग्रेसिया का भुगतान किया जाए। ग्रेच्युटी और अनुकंपा नियुक्ति का लाभ उन संविदा कर्मचारियों को भी दिया जाए जो इस नीति के आने के पहले सेवानिवृत्ति हो चुके हैं या दिवंगत हो चुके हैं।

उनके परिवार के आश्रित सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति और ग्रेच्युटी दी जाए। योजना परियोजना बंद होने से जिन संविदा कर्मचारियों को निष्कासित किया है या सेवा समाप्त की है उन संविदा कर्मचारियों को अन्य विभागों या उनकी योजनाओं में संविदा पर लिया जाए और जो योजनाएं समाप्त होने वाली हैं उनके कर्मचारियों के लिए उपक्रम बनाया जाए।

जनजातीय कार्य विभाग के अस्थायी कर्मचारी करेंगे प्रदर्शन मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के बैनर तले आज बुधवार को बैतूल जिले के जनजाति कार्य विभाग में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी भृत्य, अंशकालीन कर्मचारी सहायक आयुक्त जिला बैतूल के कर्मचारी विरोधी आदेश के विरोध में कार्यालय आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग अरेरा हिल्स भोपाल में दोपहर 12 बजे प्रदर्शन करेंगे। आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग को ज्ञापन सौंप कर कर्मचारी विरोधी आदेश को निरस्त करने की मांग करेंगे।

मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग जिला बैतूल ने विकासखंड अधिकारियों को आदेश जारी करके निर्देश दिए हैं कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, भृत्य एवं अंशकालीन कर्मचारियों को सेवा में न रखा जाए जिस कारण विकासखंड अधिकारी वर्षों से सेवा कर रहे दैनिक वेतन भोगी भृत्य एवं अंशकालीन कर्मचारियों को सेवा से पृथक कर रहे हैं।

सहायक आयुक्त जिला बैतूल जनजातिय कार्य विभाग ने अस्थाई कर्मचारियों के विरोध में यह आदेश जारी किया है। इस प्रकार का आदेश मध्यप्रदेश के की किसी भी जिले में जारी नहीं किया गया। न ही मुख्यालय भोपाल से कोई पत्र जारी हुआ है।

कर्मचारियों ने बैतूल में भी कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर कर्मचारी विरोधी आदेश को निरस्त करने की मांग की है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। प्रदर्शन का नेतृत्व अशोक पांडे प्रदेश अध्यक्ष द्वारा किया जाएगा।

 

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