जेलेंस्की और डोनाल्ड ट्रंप के बीच हाल ही में हुई तीखी तकरार के बाद खुलकर यूक्रेन के समर्थन में आए ये देश

कीव
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हाल ही में हुई तीखी तकरार के बाद यूक्रेन को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से जबरदस्त समर्थन मिला है।  दोनों नेताओं के बीच व्हाइट हाउस में मुलाकात के दौरान तीखी बहस छिड़ गई। इस टकराव ने यूक्रेन-रूस संघर्ष के संदर्भ में अमेरिका और यूरोप के बीच बढ़ते मतभेदों को उजागर कर दिया है। यूक्रेन के यूरोपीय साझेदारों और दुनिया के अलग-अलग देशों के नेताओं ने जहां जेलेंस्की का समर्थन किया तो वहीं दूसरी ओर ‘व्हाइट हाउस’ ट्रंप के साथ खड़ा दिखाई दिया।

ट्रंप-जेलेंस्की में तीखी बहस
शुक्रवार को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में हुई इस बैठक में ट्रंप ने जेलेंस्की पर रूस के साथ शांति वार्ता में सहयोग न करने का आरोप लगाया और कहा कि उनकी नीतियां "तीसरे विश्व युद्ध" को निमंत्रण दे रही हैं। जवाब में, जेलेंस्की ने ट्रंप और उनके उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की आलोचना करते हुए कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पहले ही संघर्षविराम तोड़ा है और उनकी "कूटनीति" पर सवाल उठाए। इस तीखी नोकझोंक के बाद जेलेंस्की ने बैठक को बीच में ही छोड़ दिया, जिसे अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में एक असामान्य घटना माना जा रहा है।

यूरोपीय देशों ने की जेलेंस्की के पक्ष में आवाज बुलंद
इसके तुरंत बाद, यूरोप के कई प्रमुख देशों ने जेलेंस्की के पक्ष में अपनी आवाज बुलंद की। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘एक हमलावर है: रूस। एक पीड़ित है: यूक्रेन। हमारा तीन साल पहले यूक्रेन की मदद करना और रूस पर प्रतिबंध लगाना सही था – और ऐसा करते रहना सही भी है।” मैक्रों ने कहा, “हमारे से मेरा तात्पर्य अमेरिकी, यूरोपीय, कनाडाई, जापानी और कई अन्य से है।” उन्होंने कहा, “उन सभी का आभार जिन्होंने मदद की और कर रहे हैं। उन लोगों के प्रति सम्मान व्यक्त करता हूं जो शुरू से ही लड़ रहे हैं – क्योंकि वे अपनी गरिमा, अपनी स्वतंत्रता, अपने बच्चों और यूरोप की सुरक्षा के लिए लड़ रहे हैं।” उन्होंने ट्रंप के दोनों पक्षों को समान मानने के दृष्टिकोण की निंदा की।

"प्रिय यूक्रेनी मित्र, आप अकेले नहीं हैं"
जर्मनी के अगले संभावित चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने ‘एक्स’ पर लिखा, “प्रिय वोलोदिमीर जेलेंस्की, हम अच्छे और मुश्किल समय में यूक्रेन के साथ खड़े हैं। हमें इस भयानक युद्ध में कभी हमलावर और पीड़ित को लेकर भ्रमित नहीं होना चाहिए।” वहीं यूक्रेन के पड़ोसी पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने भी कहा, "प्रिय यूक्रेनी मित्र, आप अकेले नहीं हैं।" एस्टोनिया के प्रधानमंत्री क्रिस्टन मिशल ने कहा कि उनका देश स्वतंत्रता की लड़ाई में जेलेंस्की और यूक्रेन के साथ एकजुट है। मिशनल ने कहा, “हमेशा। क्योंकि यह सही है, आसान नहीं है।” एस्टोनिया के प्रधानमंत्री क्रिस्टन मिशल ने कहा कि उनका देश स्वतंत्रता की लड़ाई में जेलेंस्की और यूक्रेन के साथ एकजुट है। मिशनल ने कहा, “हमेशा। क्योंकि यह सही है, आसान नहीं है।”

स्वीडन, लिथुआनिया, लातविया, चेक गणराज्य, स्पेन, नॉर्वे, नीदरलैंड्स, और बेल्जियम जैसे देशों ने भी जेलेंस्की और यूक्रेन के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त की। यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख काजा कैलास ने कहा, "आज यह स्पष्ट हो गया कि आजाद दुनिया को एक नए नेता की जरूरत है, और यह जिम्मेदारी यूरोप को लेनी होगी।" यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वोन डेर लेयेन ने ‘एक्स’ पर लिखा, “आपने जो गरिमा दिखाई, उसने यूक्रेन के लोगों की बहादुरी को दर्शाया है। मजबूत, बहादुर और निडर बने रहें, प्रिय वोलोदिमीर जेलेंस्की। हम न्यायपूर्ण और स्थायी शांति के लिए आपके साथ काम करते रहेंगे।”

यूक्रेन के समर्थन में ट्रंप की करीबी जियोर्जिया मेलोनी
ट्रंप की करीबी सहयोगी मानी जाने वाली इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने कहा कि वे कूटनीति को पुनः पटरी पर लाने के लिए यूरोपीय संघ और अमेरिका के बीच शिखर सम्मेलन का आह्वान करेंगी। उन्होंने एक बयान में कहा, “अमेरिका, यूरोपीय देशों और सहयोगियों के बीच तत्काल एक शिखर सम्मेलन आयोजित किए जाने की आवश्यकता है, जिसमें इस बारे में खुलकर बात की जाए कि हम आज की बड़ी चुनौतियों से कैसे निपटना चाहते हैं। इसकी शुरुआत यूक्रेन से हो, जिसका हमने हाल के वर्षों में मिलकर बचाव किया है।”

हंगरी ने दिया ट्रंप का साथ
हालांकि, हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बान ने ट्रंप का समर्थन करते हुए कहा, "मजबूत लोग शांति बनाते हैं, कमजोर लोग युद्ध को जन्म देते हैं।" यह बयान यूरोप के भीतर मतभेदों को दर्शाता है। दूसरी ओर, ‘व्हाइट हाउस’ ने एक बयान जारी कर कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप और उपराष्ट्रपति वेंस की 'अमेरिका फर्स्ट स्ट्रेंथ' को समर्थन मिल रहा है। ट्रंप और वेंस ने दुनिया को स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका का फायदा नहीं उठाने दिया जाएगा। कैबिनेट और पूरे देश के सांसद यह भावना जाहिर कर चुके हैं।” बयान में विदेश मंत्री मार्को रुबियो और गृह सुरक्षा मंत्री क्रिस्टी नोएम समेत कई सांसदों के उद्धरण शामिल हैं।

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