भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में रेलवे क्षेत्र में अद्भुत काम हुआ है। अलग-अलग कम्पनियों ने इस क्षेत्र में जो कार्य किया है वह 'मेड इन इंडिया' का सबसे उत्कृष्ट उदाहरण है। देश में मेट्रो और वन्देभारत जैसी आधुनिक रेल के विभिन्न उपकरणों का निर्माण हो रहा है। बीईएमएल, मध्यप्रदेश में रोलिंग स्टॉफ और मेट्रो कोच का निर्माण करेगी। उन्होंने कहा कि कर्नाटक से मध्यप्रदेश के संबंध प्रगाढ़ होंगे। हम अनेक कार्यों में परस्पर विकास के नये रास्ते खालेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बुधवार को बेंगलुरू में बीईएमएल कार्यशाला के भ्रमण के दौरान यह बात कही।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए बेंगलुरू स्थित बीईएमएल लिमिटेड के अत्याधुनिक रेल कोच विनिर्माण संयंत्र से 2100वें मेट्रो कोच को हरी झंडी दिखाकर राष्ट्र को समर्पित किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रायसेन जिले के उमरिया क्षेत्र में बीईएमएल की नई रोलिंग स्टॉक विनिर्माण इकाई की स्थापना के लिए भूमि आवंटन-पत्र कंपनी के चेयरमेन और एमडी श्री शांतनु रॉय को सौंपा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह क्षण मध्यप्रदेश ही नहीं, पूरे देश के लिए गौरवपूर्ण है। बीईएमएल में निर्मित 2100वें मेट्रो कोच का शुभारंभ भारत की उन्नत निर्माण क्षमता, इंजीनियरिंग उत्कृष्टता और स्वदेशी तकनीक के बढ़ते प्रभाव का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के रायसेन में बीईएमएल की इकाई स्थापना को एक अभूतपूर्व कदम बताया। उन्होंने कहा कि इससे देश-प्रदेश का औद्योगिक इको सिस्टम सशक्त बनेगा। साथ ही युवाओं, एमएसएमई और स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार और अवसरों के नए द्वार खुलेंगे। रायसेन में मेट्रो और रेल कोच निर्माण इकाई की स्थापना प्रदेश के समावेशी एवं सतत् विकास की दिशा में एक सशक्त कदम है।” मध्यप्रदेश शासन, मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम और बीईएमएल के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। मध्यप्रदेश शासन ने इस इकाई के लिए कुल 60.063 हेक्टेयर भूमि आवंटन को मंजूरी दी है। प्रस्तावित इकाई मुख्य रेल एवं नगरीय परिवहन परियोजनाओं के लिए रोलिंग स्टॉक और मेट्रो कोच का निर्माण करेगी। इससे प्रदेश और देश के अन्य भागों में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर सशक्त होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव का आभार मानते हुए बीईएमएल के चेयरमेन और एमडी श्री शांतनु रॉय ने कहा कि बीईएमएल उनके विश्वास पर खरी उतरेगी। रायसेन में हमारी इकाई का विस्तार भारत के नगरीय रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को और गतिशीलता एवं सशक्त बनाएगा। 2100वें मेट्रो कोच का निर्माण इस बात का प्रमाण है कि हमारे सहयोगी संस्थानों ने बीईएमएल पर निरंतर विश्वास जताया है। यह उपलब्धि हमारे नवाचार, स्वदेशीकरण एवं गुणवत्ता के प्रति समर्पण को दर्शाती है। साथ ही देश की औद्योगिक उन्नति एवं रोजगार सृजन में हमारी भूमिका को सुदृढ़ करती है।
भारत की अग्रणी रेल निर्माण कंपनी बीईएमएल (BEML) भोपाल में एक अत्याधुनिक निर्माण इकाई स्थापित कर रही है। यह ऐतिहासिक पहल रेल तकनीक के क्षेत्र में एक बड़ी प्रगति का प्रतीक है और विशेष रूप से शहरी परिवहन के तेजी से बढ़ते क्षेत्र में रोलिंग स्टॉक और मेट्रो कोच की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए तैयार है।
इस इकाई के प्रारंभिक चरण में स्टेनलेस स्टील कार बॉडी कोच का निर्माण किया जाएगा और भविष्य में एल्यूमीनियम कार बॉडी कोच के निर्माण की क्षमताओं का विस्तार किया जाएगा। यह प्लांट आधुनिक आधारभूत संरचना से सुसज्जित होगा, जो न केवल देश की आवश्यकताओं को बल्कि वैश्विक बाजार की मांग को भी पूरा करेगा। परियोजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा, जिससे इसका संचालन रणनीतिक और टिकाऊ रूप से हो सके।
औद्योगिक प्रगति के साथ यह परियोजना क्षेत्र में महत्वपूर्ण सामाजिक और आर्थिक लाभ भी लेकर आएगी। यह स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करेगी, सूक्ष्म और लघु उद्यमों के विकास को प्रोत्साहित करेगी और एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला प्रणाली को आकार देगी। इसके अलावा, यह मध्यप्रदेश के युवाओं, विशेषकर तकनीकी संस्थानों, कॉलेजों और स्कूलों में शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों के लिए कौशल विकास के नए अवसर खोलेगी। विशेष रूप से यह रायसेन जिले के ग्रामीण समुदायों के विकास और उत्थान में भी योगदान देगी, जिससे आजीविका और स्थानीय आधारभूत संरचना को बल मिलेगा।
बीईएमएल का 2100वां मेट्रो कोच मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के माध्यम से निर्मित किया गया है। इसमें ग्रेड ऑफ ऑटोमेशन मानकों के अनुसार ड्राइवरलेस संचालन की सुविधा उपलब्ध है। इस कोच में अनअटेंडेड ट्रेन ऑपरेशन (यूटीओ) स्मार्ट सुरक्षा प्रणालियाँ और वैश्विक मानकों के अनुरूप अनेक आधुनिक सुविधाएँ शामिल की गई हैं।
इस नवीन कोच की विशेषता "ऑन बोर्ड कंडीशन मॉनिटरिंग सिस्टम" है, जो भारत में पहली बार किसी मेट्रो ट्रेन में शामिल किया गया है। इस प्रणाली में पाँच प्रमुख मॉड्यूल – रेल ट्रैक स्थिति की निगरानी, ओवरहेड इक्विपमेंट (ओएचई) की स्थिति, पैंटोग्राफ-ओएचई संपर्क, आर्क डिटेक्शन और रेल प्रोफाइल विश्लेषण शामिल हैं।