बतौर कलाकार कुछ नया करने के साथ दर्शकों को बेहतर दे पाऊं यही कोशिश होती है : शाहिद कपूर

शाहिद कपूर अपनी आने वाली फिल्म देवा के लिए काफी चर्चाओं में है। इस शुक्रवार देवा मूवी सिनेमाघरों में रिलीज़ हो रही है। रिलीज के पहले अभिनेता शाहिद कपूर और अभिनेत्री पूजा हेगड़े जोर शोर से फिल्म के प्रमोशन में व्यस्त हैं। इसी कड़ी में शाहिद कपूर और पूजा हेगड़े देश की राजधानी दिल्ली में फिल्म के प्रमोशन के लिए आए और मीडिया से चर्चा करते हुए फिल्म के बारे में विस्तार से बात की।
इस मौके पर शाहिद कपूर ने प्रदेश टाइम्स के संपादक जगदीश ज्ञानचंदानी से विशेष चर्चा की और ना सिर्फ अपनी आने वाली फिल्म देवा के बारे में बताया कि बल्कि अपने फिल्मी करियर और कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात रखी।

अपनी फिल्म देवा के बारे में बताईये
शाहित कपूर : देवा एक एक्शन थ्रिलर मूवी है इसलिए उसका प्लॉट ट्रेलर में नहीं दिखा पा रहे हैं। केवल डांस और एक्टर का एटीट्यूड  ही दिखा रहे हैं, पर मूवी में  परफॉर्मेंस वाले सीन हैं, रिश्तों के बीच जो समस्याएं होती हैं वो सीन हैं, ड्रामेटिक सीन है। कुल मिलाकर यह मूवी परफॉर्मेंस ओरिएंटेड मनोरंजक फिल्म है जो फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा, इसलिए फिल्म के ट्रेलर में सब कुछ न दिखाकर काफी कुछ छुपाना पड़ रहा है। पर जब आप सिनेमा घर में फिल्म देखेंगे तो आपको बहुत मजा आने वाला है।
शाहिद ने कहा कि मेरा प्रयास रहता है कि बतौर कलाकार खुद को चैलेंज कर पाऊं और कुछ नया कर पाऊं साथ ही दर्शकों तक कुछ बेहतर पहुंचा पाऊं और देवा मूवी में इन दोनों ही चीजों का कॉम्बिनेशन है।

डायरेक्टर के साथ काम का अनुभव कैसा रहा
शाहित कपूर :  फिल्म के डायरेक्टर एंड्रयू रोशन के बारे में बात करते हुए शाहिद ने बताया कि वे काफी अनुभवी पॉपुलर मलयाली फिल्म मेकर हैं जो सीरियस फिल्मों के लिए जाने जाते है उन्होंने मेरे कैरेक्टर को काफी मजेदार रखा है। देवा मेरे लिए एक बहुत स्पेशल फिल्म है। रोशन की पहली हिंदी फिल्म है पर उनके साथ काम का अनुभव बहुत अच्छा रहा।

फिल्म के दौरान पूजा हेगड़े से ट्यूनिंग कैसी रही
शाहित कपूर : पूजा बहुत स्वीट लड़की है, सिन्सियर एक्टर हैं, डांस बहुत अच्छा करती हैं हालांकि हमने पहली बार साथ में काम किया है पर साथ में काम करके बहुत मजा आया।

क्या देवा फिल्म साउथ की मूवी का रीमेक है
शाहित कपूर : डायरेक्टर रोशन मेरे पास मूवी का आइडिया लेकर आए थे जो मुझे अच्छा लगा पर इसकी कहानी में और भी ज्यादा डेवलेपमेंट हमारे मिलने के बाद हुआ इसलिए ये कहना सही नहीं है कि देवा मूवी किसी साउथ की मूवी से इंस्पायर्ड है या रीमेक है देवा एक फ्रेश मूवी है।

फिल्म को लेकर तैयारी कैसी रही
शाहित कपूर : जब भी कोई स्कि्रप्ट पढ़कर इंगेज होता हूँ तो इसके बाद एक लंबी यात्रा शुरू होती हैं। कहानी के लेवल पर बात होती हैं, डायरेक्टर का विजन होता है, मै अपने रोल को किस तरह करूंगा इस पर बात होती है। सेट पर आने से पहले बहुत तैयारी करना पड़ती है। ऐसा नहीं होता है कि फिल्म साइन करने के तीन महीने बाद सीधा सेट पर पहुंचता हूँ। सेट पर आने से पहले बहुत सी तैयारी के बाद ही शूटिंग स्टार्ट करता हूं।
ओटीटी का फिल्मों के प्रदर्शन पर कितना असर मानते हैं
शाहित कपूर : यदि कहानी दमदार होगी तो दर्शक थियेटर में जरूर जाते हैं। थियेटर में आने के बाद ऑडियंस को लगना चाहिए कि जो पैसा खर्च कर सिनेमाघरों तक आए है वो वसूल हो गया है वो ही हमारी जीत है। हालांकि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी मुझे दर्शकों का बहुत प्यार मिला है मेरी फिल्म फर्जी को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दर्शकों ने खूब प्यार दिया है। जहां तक सवाल है ओटीटी पर सेंसरशिप का तो मैं उसके पक्ष में नहीं हूँ क्योंकि क्रिएटिव लोगों को एक्सप्रेस करने का मौका मिलना चाहिए जो कि ओटीटी पर मिल रहा है।
फिल्म के ट्रेलर पर मिले रिस्पॉस को कैसे देखते हैं

शाहित कपूर : किसी भी कलाकार का काम दर्शकों को अच्छा लगे हम इसी के लिए जीते हैं और देवा का टीजर, पहला गाना और ट्रेलर लोगों पहुत पसंद आ रहा है इससे बहुत अच्छा लग रहा है। लोगों के पॉजिटिव मैसेज आ रहे हैं उन्हें काम अच्छा लग रहा है। यह देखकर खुशी होती है।
वॉलीवुड में साउथ की फिल्मों के प्रभाव के बारे में आपकी क्या सोच है
शाहित कपूर : आज के जमाने में भाषा के बैरियर अब टूट रहे हैं। जब दूसरी भाषा के अभिनेताओं की डब मूवी तो देखते  हैं तो उसे स्वीकार कर लेते हैं, पर हिन्दी एक्टर को ऐसे रोल में स्वीकार नहीं कर पाते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए।
अपने लंबे फिल्मी कैरियर के बारे में क्या सोचते हैं
शाहित कपूर : 15 साल का था तब से काम कर रहा हूं। पहले तीन साल डांस सीखी फिर तीन साल दूसरों को डांस सिखाया। पिताजी को असिस्ट किया, नसीर जी के साथ एनएसडी में वर्क शॉप किए और इस तरह अभी भी लगातार काम कर रहा हूं।
काम की व्यस्तता में परिवार को कितना समय दे पाते हैं
शाहित कपूर : जब हम काम करते हैं तो लगता है कि हर चीज़ के लिए समय कम है और लगता हैं कि कुछ न कुछ छूट रहा है। पर मैं परिवार को बहुत समय देता हूं और मस्ती भरे अंदाज में कहते हैं कि मेरा स्टाफ बोलता है कि सर आप घर पर बहुत समय देते हो काम पर ज्यादा फोकस करिये।
फिल्म के चयन में परिवार की सलाह क्या मायने रखती है
शाहित कपूर : सामान्य चर्चा तो होती है  क्योंकि पिता और भाई दोनों फिल्म इंडस्ट्री से हैं, पर अंतिम निर्णय मेरा ही रहता है। मेरी फिल्म की सफलता या असफलता के लिए मै किसी दूसरे को जवाबदेह नहीं बना सकता पर पिता के अनुभव और छोटे भाई के नॉलेज का इस्तेमाल जरूर करता हूं।
अपने २२ साल के कैरियर में स्वयं को कहां देखते हैं
शाहित कपूर : मैरा मानना है कि किसी भी कलाकार के जीवन में हर चीज का मिश्रण होना चाहिए। हमेशा खुद को रीडिफाइन करना चाहिए। हर कलाकार की कुछ एप्रोच तो होती है परंतु काम में वैराइटी होना चाहिए और मेरी भी यही कोशिश रहती है कि हर साल और हर बार कुछ न कुछ नया कर सकूं।
ऐसा कोई रोल जो आप करना चाहते हों
शाहित कपूर : वैसे तो मैने अपने कैरियर में सभी तरह के रोल कर लिए हैं पर आज तक किसी की बायोपिक नहीं की है वो करना चाहता हूं या लार्जर देन लाइफ एक्शन मूवी मिली तो वो करना चाहता हूं।

 

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