बीएमसी में चल रहे स्वच्छ सर्वेक्षण में अपनी रैंकिंग में सुधार करने का दावा कर है, 97% राशि का नहीं किया उपयोग

भोपाल
भोपाल नगर निगम (बीएमसी) में चल रहे स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में अपनी रैंकिंग में सुधार करने का दावा कर है, जबिक जमीनी हकीकत कुछ और ही है पिछले वित्तीय वर्ष में भोपाल नगर निगम ने अपने स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) के प्रस्तावित बजट का मात्र 3% ही खर्च किया है। वित्त विभाग के अनुसार, बीएमसी ने एसबीएम को दिए गए 107 करोड़ रुपये में से मात्र 3.21 करोड़ रुपये ही खर्च किए, जो कुल राशि का लगभग 3% है। इसने एसबीएम को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए निगम के 3,351 करोड़ रुपये के बजट के तहत अन्य सभी प्रमुख 15 विभागों में सबसे कम निधि उपयोग करने वाला विभाग है।

इन विभागों में सबसे ज्यादा खर्च
इसके अलावा, स्वास्थ्य, केंद्रीय कार्यशाला और जल कार्य जैसे विभागों ने काफी अधिक खर्च दर्ज किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने अपने 174 करोड़ रुपये के बजट का लगभग 60% उपयोग किया, यानी 104.40 करोड़ रुपये खर्च किए। केंद्रीय कार्यशाला विभाग ने 271 करोड़ रुपये के आवंटन में से 127 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि जल कार्य विभाग ने अपने 304 करोड़ रुपये के आवंटन में से 127 करोड़ रुपये से अधिक का उपयोग किया। दिलचस्प बात यह है कि कोई भी विभाग अपने पूरे प्रस्तावित बजट का उपयोग करने में कामयाब नहीं हुआ और केवल स्वास्थ्य विभाग ही 50% उपयोग के निशान को पार कर सका है।

अमृत योजना में 95% फंड का उपयोग नहीं
नगर निगम के अन्य खराब प्रदर्शन करने वाले विभागों में अमृत योजना शामिल है, जिसके 95% फंड का उपयोग नहीं किया गया और पार्किंग विभाग, जिसने 78 लाख रुपये में से सिर्फ 5.46 लाख रुपये का उपयोग किया  केवल 7 फीसदी राशि का उपयोग किया गया है।

पिछला बजट नही हुआ खर्च
भोपाल नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने कहा है कि भोपाल नगर निगम में किसी प्रकार का काम नहीं हो रहा है। कई विभागों का पिछला बजट अभी तक खर्च नहीं किया गया है। जकी ने कहा है कि खराब निष्पादन के कारण महत्वपूर्ण आधारभूत कार्यों के लिए केंद्रीय वित्त पोषण में देरी हुई है। जबकि निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने दावा किया कि है प्राप्त राशि का पूरा उपयोग किया गया है। उन्होंने कहा है कि जो विभाग राशि का सही उपयोग नहीं कर पाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

 

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