धर्मांतरण विवाद: शव दफनाने को लेकर हंगामा, प्रशासन की हस्तक्षेप से सुलझा मामला, दूसरे जिले में किया गया अंतिम संस्कार

बालोद

जिले के गुरूर विकासखंड के सनौद थाना क्षेत्र के जेवरतला गांव में शनिवार को धर्मांतरण से जुड़े विवाद के चलते एक बार फिर तनाव की स्थिति बन गई। पिछले कुछ वर्षों से ईसाई धर्म का पालन कर रहे 50 वर्षीय रमनलाल साहू के शव को जब परिजन गांव में अंतिम संस्कार के लिए लाए, तो ग्रामीणों ने इसका विरोध कर दिया। ग्रामीणों का कहना था कि वे गांव की भूमि पर धर्मांतरित व्यक्ति का अंतिम संस्कार नहीं होने देंगे।

बता दें कि मृतक रमनलाल साहू की मौत इलाज के दौरान हुई थी। परिजन उनका शव लेकर जेवरतला गांव पहुंचे और अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू की। लेकिन जैसे ही ग्रामीणों को इसकी जानकारी मिली, उन्होंने विरोध शुरू कर दिया। देखते ही देखते मौके पर भीड़ इकट्ठा हो गई और तीन घंटे तक हंगामे की स्थिति बनी रही।

सूचना मिलने पर सनौद थाना पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की कि हर व्यक्ति को अपने धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार का अधिकार है, और सामाजिक सौहार्द बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है। हालांकि, ग्रामीण अपनी बात पर अड़े रहे और गांव की सीमा के भीतर दफनाने की अनुमति नहीं दी।

लगातार समझाइश और बातचीत के बावजूद जब सहमति नहीं बन सकी, तो परिजनों ने शव को धमतरी के मसीही कब्रिस्तान ले जाकर वहां अंतिम संस्कार किया। इस दौरान गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे। प्रशासन ने पूरे घटनाक्रम पर नजर रखी और शांति बनाए रखने की अपील की।

गौरतलब है कि इससे पहले कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर क्षेत्र के कोड़ेकुर्सी गांव में भी इसी तरह का विवाद सामने आया था, जहां धर्मांतरित युवक मनीष निषाद के अंतिम संस्कार को लेकर ग्रामीणों ने विरोध जताया था। उस मामले में प्रशासन और पुलिस की मध्यस्थता के बाद परिजनों ने चारामा के मसीही कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार किया था।

प्रशासन ने अपील की है कि नागरिक शांति और संवेदनशीलता बनाए रखें ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *