लखनऊ
राजधानी में रविवार को दिन में धूप खिली रही और तेज रफ्तार पछुआ हवाएं चलीं। रविवार की रात पारे में 3.4 डिग्री की गिरावट भी देखने को मिली। मौसम विभाग के मुताबिक सोमवार को भी रूखी हवाओं संग धूप की तल्खी जारी रहने वाली है। मंगलवार से उत्तरी पछुआ हवाओं की रफ्तार में इजाफा होगा। रविवार को लखनऊ में 30 से 35 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली पछुआ की वजह से हवा की गुणवत्ता में भी सुधार देखने को मिला।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह कहना है कि मंगलवार को पहाड़ों से आ रही उत्तरी पछुआ हवाओं की रफ्तार 40 से 50 किमी प्रति घंटे पहुंच सकती है। ठंडी पछुआ हवाओं की वजह से धूप की तल्खी से फौरी तौर पर राहत मिलेगी। अधिकतम तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट भी देखने को मिल सकती है। हवाओं के मंद पड़ने पर फिर से पारे में बढ़त होगी। रविवार को दिन का पारा 1.7 डिग्री सेल्सियस की बढ़त के साथ 30.8 डिग्री सेल्सियस तो वहीं रात का पारा 3.4 डिग्री की गिरावट के साथ 16 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मार्च से मई के बीच ज्यादा रहेगा तापमान
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि इस बार मार्च से मई के बीच न सिर्फ अधिकतम व न्यूनतम तापमान के सामान्य से अधिक रहने के संकेत हैं बल्कि हीट वेव के दिनों की संख्या में भी इजाफा होगा। उन्होंने बताया कि इस बार सर्दियों के दौरान पश्चिमी विक्षोभों की सक्रियता में कमी रही, इसकी वजह से प्रदेश में सामान्य से 88 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई, जबकि लखनऊ में यह कमी 98 प्रतिशत रही। इस वजह से फरवरी का अंत असामान्य रूप से गर्म रहा।
इस बार गर्मियों के दौरान भी प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभों की सक्रियता में कमी रहने का अनुमान है। प्रशांत महासागर में कमजोर ला-नीना परिस्थितियों के आगामी सीजन के दौरान तटस्थ नीनो परिस्थितियों में संभावित परिवर्तन के आसार हैं।
फरवरी की आखिरी रात हमीरपुर में न्यूनतम तापमान 19.2 डिग्री दर्ज किया गया, जो वहां के फरवरी महीने के इतिहास में सबसे गर्म रात थी। इसी तरह, वाराणसी में 19.5 डिग्री और लखनऊ में 19.4 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया, जो इन दोनों शहरों में फरवरी की चौथी सबसे गर्म रात रही।
शहर में हवा के झोकों कई बार उड़ी बिजली
शहर के कई क्षेत्रों में रविवार को 35 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं से बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई। यह संकट उन इलाकों में हुआ, जहां पर अब तक 11 हजार एवं 33 हजार वोल्ट की हाइटेंशन ओवर हेड लाइनों को छूने वाली पेड़ों की शाखाओं को काटा नहीं गया है। जहां पर हाइटेंशन लाइनें लंबी थीं, वहां बिजली आपूर्ति में ज्यादा व्यवधान पड़ा।
अहिबरनपुर उपकेंद्र के तहत पक्का पुल, बागशाह जी, गोमती बंधा आदि इलाकों में सुबह से शाम तक पांच बार से ज्यादा उपभोक्ताओं की आपूर्ति बंद हुई। हालांकि, 10 से 20 मिनट में आपूर्ति चालू भी हो गई। हवाओं के चलते बार-बार ट्रिपिंग से बिजली उपकरणों पर असर पड़ा। इसी प्रकार गोमतीनगर के कई खंडों में दोपहर को 11 केवी लाइनों के फ्यूज उड़े तो उपकेंद्रों में धमाका भी हुआ। ऑपरेटर भी फीडर को दोबारा चालू करने में शाम तक मशक्कत करते रहे। गोमतीनगर में पेड़ ज्यादा होने के कारण हवा के तेज चलने पर ये समस्या आती है। डालीबाग कॉलोनी एवं तिलक मार्ग पर भी रविवार दोपहर में दो-तीन बार ट्रिपिंग के कारण आपूर्ति प्रभावित हुई। ग्रामीण अंचल में तो इस हवा के चलते ओवर हेड लाइनों की बिजली को एहतियातन बंद भी करना पड़ा।