बरेली
उत्तर प्रदेश में निलंबित IAS अधिकारी अभिषेक प्रकाश भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते चर्चा में हैं. बरेली के पूर्व डीएम अभिषेक प्रकाश पर बेनामी संपत्तियों और सरकारी जमीनों के हड़पने के आरोप लगे हैं. बीजेपी नेता महेश पांडेय ने इस मामले को उजागर किया और बताया कि उन्होंने बरेली में इंटरनेशनल सिटी प्रोजेक्ट के नाम पर बड़ा घोटाला किया. 8000 करोड़ रुपए की इस टाउनशिप में 600 एकड़ सरकारी जमीन शामिल है, जिसे उनके करीबी बिल्डर राजू खंडेलवाल के जरिए कब्जे में लिया गया.
महेश पांडेय ने आरोप लगाया कि अभिषेक ने आंवला, सदर और फरीदपुर तहसीलों में बेनामी संपत्तियां खरीदीं. उनके पैसे को बिल्डरों के जरिए निवेश किया गया. इंटरनेशनल सिटी में 113 तालाबों को भरकर निर्माण का आरोप भी उन पर है, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है. महेश पांडेय ने दावा किया कि अभिषेक ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अवैध तरीके से सरकारी जमीनों पर कब्जा करवाया.
इस मामले को हाईकोर्ट तक ले जाने वाले महेश पांडेय ने अब प्रवर्तन निदेशालय ED में शिकायत दर्ज कराने की तैयारी कर ली है. योगी सरकार में अभिषेक के खिलाफ कार्रवाई हुई और उन्हें निलंबित किया गया. अब ईडी उनकी संपत्तियों की जांच में जुट गई है. बीजेपी नेता महेश पांडेय ने कहा कि वे इस मामले को निर्णायक मोड़ तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
अभिषेक प्रकाश के खिलाफ ईडी में शिकायत
ईडी अब अभिषेक प्रकाश और उनके सहयोगियों की जांच में जुटी है. महेश पांडेय ने कहा कि वे भी जल्द ही ईडी में अभिषेक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएंगे. उनका दावा है कि बरेली के भू-माफिया राजू खंडेलवाल, विपिन अग्रवाल और अन्य अभिषेक के संरक्षण में काम कर रहे थे. महेश पांडेय ने बीडीए पर भी निशाना साधा, जो कागजी कार्रवाई तक सीमित है.
अभिषेक प्रकाश 31 जुलाई 2012 से 8 जून 2014 तक बरेली के डीएम रहे थे. बरेली के जिलाधिकारी रहे अभिषेक पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं. बीजेपी नेता महेश पांडेय ने इस मामले की पूरी जानकारी दी और बताया कि बरेली में अभिषेक प्रकाश ने बेनामी संपत्तियों का जाल बिछाया. अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच शुरू होने से उनके काले कारनामों का पर्दाफाश होने की उम्मीद है.
इंटरनेशनल सिटी घोटाला, महेश पांडेय ने हाईकोर्ट में उठाई थी आवाज
अभिषेक प्रकाश के बरेली कार्यकाल का सबसे बड़ा घोटाला इंटरनेशनल सिटी प्रोजेक्ट से जुड़ा है. नारियावल में बन रही इस टाउनशिप में 600 एकड़ सरकारी जमीन शामिल है, जिसकी कीमत 8000 करोड़ रुपए है. ये प्रोजेक्ट आईएएस अभिषेक प्रकाश के करीबी बिल्डर राजू खंडेलवाल का है. बीजेपी नेता महेश पांडेय ने इस घोटाले को उजागर किया. उन्होंने बताया कि अभिषेक ने अपने प्रशासनिक दबाव से सरकारी जमीनों को हड़पवाया. महेश पांडेय ने इस मामले को हाईकोर्ट तक पहुंचाया था, जहां उन्होंने इंटरनेशनल सिटी के गैरकानूनी निर्माण पर सवाल उठाए.