ग्यारहवीं डॉ अजय खरे स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन

ग्यारहवीं डॉ अजय खरे स्मृति व्याख्यानमाला का आयोजन
विनिवेश स्वास्थ्य में खराब सार्वजनिक निवेश का विकल्प नहीं है(disinvestment is not a replacement for poor public investment in health )- प्रो डॉ रमा बारु व्यावसायिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ घनश्याम दास वर्मा और पर्यावरणीय स्वास्थ्य मुद्दों  पर संघर्षरत कैलाश मीणा को जन स्वास्थ्य सम्मान

                                                                                         
भोपाल
 आज डॉ अजय खरे स्मृति व्याख्यान माला की ग्यारहवीं कड़ी मे मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर(डॉ.) रमा वी बारु, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सामाजिक चिकित्सा और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की सेवानिवृत्त प्रोफेसर उपस्थित थी। प्रोफेसर(डॉ.) रमा वी बारु, ने “सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा शिक्षा में विनिवेश: नीतियां और चुनौतियां ” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुये कहा कि वैश्विक परामर्श समूहों की सलाह के आधार पर 2022 के नीति आयोग के दस्तावेज़ में जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज स्थापित करने वाले निजी हितधारकों को सौंपने का दिशानिर्देश दिये गए है। जिसके आधार पर स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा शिक्षा में पीपीपी के माध्यम से व्यावसायीकरण से निजीकरण का गंभीर प्रयास किया जा रहा है। जिला अस्पतालों और सीएचसी को निजी मेडिकल कॉलेजों के साथ साझेदारी के लिए सौंपने का प्रस्ताव एक अच्छी तरह से काम करने वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के लिए आवश्यक रेफरल प्रणाली को तोड़ देगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के पूर्व अतिरिक्त सचिव और प्रोफेसर, अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, भोपाल डॉ. मनोहर अगनानी ने की। उनका स्वागत सुभाष शर्मा ने किया और उनका  परिचय धीरेन्द्र आर्य ने दिया। आज की इस व्याख्यानमाला में विशेष अतिथि के रूप में डॉ राकेश मालवीया उपस्थित थे। आज के कार्यक्रम मे मुख्य वक्ता का स्वागत जन स्वास्थ्य अभियान की साथी आरती पाण्डेय ने किया, और उनका परिचय अभियान के साथी श्री अमूल्य निधि ने दिया। डॉ. राकेश मालवीया का स्वागत राकेश चांदौरे ने किया और उनका परिचय डॉ माधव हसानी ने किया,  डॉ शशि खरे का स्वागत  म प्र विज्ञान सभा के  आशीष पारे ने किया । कार्यक्रम का संचालन एस. आर. आजाद ने  और आभार म.प्र. मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन के  डॉ. माधव हसानी ने किया।    

  इसके पूर्व व्यावसायिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ घनश्याम दास वर्मा और पर्यावरणीय स्वास्थ्य और मुद्दों पर कार्यरत  कैलाश मीणा को ग्यारहवीं डॉ अजय खरे व्याख्यानमाला के दौरान “जन स्वास्थ्य सम्मान 2024” से नवाजा गया।
डॉ. घनश्याम दास वर्मा ने झाबुआ में आदिवासी समुदायों के साथ स्वास्थ्य के मुद्दों पर काम किया है, जहाँ उन्होंने महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया और लगभग 10 वर्षों तक आरसीएच कार्यक्रम का प्रबंधन किया है। वे पिछले दो दशकों से, सिलिकोसिस और इसके स्वास्थ्य पर प्रभाव पर मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में काम कर रहे हैं।
कैलाश मीणा तीन दशक से अधिक समय से राजस्थान की अरावली पहाड़ियों में अवैध खनन के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं तथा हाशिए पर पड़े समुदायों और पारिस्थितिकी (Eco system) तंत्र की रक्षा कर रहे हैं।

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