ग्वालियर
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के तहत निर्वाचक नामावली के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR ) का कार्य मध्य प्रदेश में जारी है, इसमें एक बड़ी समस्या 2003 की मतदाता सूची में अपने नाम का पता लगाना है लोगों की शिकायतें हैं कि चुनाव आयोग की वेबसाईट खुलती नहीं है, कई बार फाइल डाउन लोड नहीं होती, ग्वालियर जिला प्रशासन ने इसका हल खोज निकाला है।
ग्वालियर जिले में मतदाताओं के सहयोग के लिये जिला प्रशासन की पहल पर वर्ष 2003 की मतदाता सूची में अपना या अपने परिजन का नाम पता लगाने में लोक सेवा केन्द्र, सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) एवं एमपी ऑनलाइन सेंटर भी मतदाताओं की मदद करेंगे। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकार की पहल पर इन सेंटरों के संचालक एसआईआर कार्य में सहयोग देने के लिये आगे आए हैं।
MP Online, CSC संचालक नाम पता करने में करेंगे मदद
अपर जिला दण्डाधिकारी सी बी प्रसाद ने बीते रोज एमपी ऑनलाइन के संभागीय प्रबंधक व सीएससी प्रबंधकों एवं एमपी ऑनलाइन सेंटर के प्रतिनिधियों की बैठक ली थी। जिसमें एमपी ऑनलाइन सेंटर व सीएससी सेंटर के संचालकों ने वर्ष 2003 की मतदाता सूची में नाम पता करवाने में मदद करने का भरोसा दिलाया है।
जनमित्र केन्द्रों में मतदाता सहायता केन्द्र
बता दें जिले में एसआईआर (निर्वाचक नामावली का विशेष गहन पुनरीक्षण) के संबंध में ग्वालियर शहर के सभी जनमित्र केन्द्रों में मतदाता सहायता केन्द्र बनाए गए हैं। मतदाता अपना ईएफ (एन्यूमरेशन फॉर्म) भरने में इन केन्द्रों की सहायता ले सकते हैं। साथ ही यहीं से वर्ष 2003 की मतदाता सूची में अपने नाम की स्थिति जान सकते हैं। जनमित्र केन्द्रों के अलावा अब एमपी ऑनलाइन सेंटर, लोक सेवा केन्द्र व सीएससी सेंटर पर भी मतदाताओं को यह सुविधा उपलब्ध होगी।
BLO ने घर घर जाकर उपलब्ध कराये हैं फॉर्म
एसआईआर के तहत बीएलओ द्वारा अपने क्षेत्र के मतदाताओं को ईएफ (एन्यूमरेशन फॉर्म) उपलब्ध कराए गए हैं। यह फॉर्म मतदाता द्वारा भरे जाने हैं। साथ ही ईएफ में वर्ष 2003 की स्थिति की तुलनात्मक जानकारी की प्रविष्टि भी की जानी है।
SIR से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिये नोडल अधिकारी
जिले में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के तहत किए जा रहे एसआईआर (मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण) कार्य से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिये विशेष व्यवस्था की गई है। सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग राहुल पाठक को शिकायतों का निराकरण कराकर निर्वाचन आयोग को प्रतिवेदन भेजने के लिये नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही उनके अधीन चार शासकीय कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है।