HC: ‘मुंबई में साल 2005 में आई बाढ़ को नहीं भूल सकते’, मीठी नदी सुधार परियोजना के खिलाफ याचिका पर हाईकोर्ट के चेतावनी

बॉम्बे.

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि वह जुलाई 2005 की बाढ़ को नहीं भूल सकता, जब मुंबई शहर लगभग पूरी पानी में डूबा हुआ था। अदालत ने कहा कि मीठी नदी के किनारे हुए अवैध निर्माण के कारण भारी नुकसान हुआ था। न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति कमल खाता की खंडपीठ ने कहा कि जनहित उस कल्याणकारी सोसाइटी को कोई राहत देने की अनुमति नहीं देगा।

प्रस्तावित मीठी नदी सुधार परियोजना के खिलाफ जिसने याचिका दायर की है। पीठ ने 29 फरवरी को आशियाना वेलफेयर सोसाइटी और समीर अहमद चौधरी द्वारा दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई की थी, जिन्होंने मीठी नदी के सुधार के लिए प्रस्तावित बुनियादी ढांचा परियोजना से प्रभावित होने का दावा किया था। याचिकाओं में सोसाइटी के ढांचे को गिराने पर रोक लगाने की मांग की गई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *