उच्च न्यायालय ने बधिर खिलाड़ियों के पुरस्कार के लिए मानदंड तैयार करने को कहा

नई दिल्ली
दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्र को निर्देश दिया है कि वह बधिर खिलाड़ियों को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार, 2025 प्रदान करने के लिए जल्द से जल्द उचित मानदंड तैयार करे। अदालत ने कहा कि मौजूदा मानदंड पैरा खिलाड़ियों की तुलना में उनके साथ भेदभाव करते हैं।

उच्च न्यायालय ने कहा कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 बधिर व्यक्तियों तथा शारीरिक या चलने-फिरने में अक्षम व्यक्तियों के बीच भेदभाव की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ता है।

हालांकि अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के लिए नकद पुरस्कार की योजना में बधिर खिलाड़ियों के लिए अवसर की कमी से भेदभावपूर्ण व्यवस्था तैयार होती है।

न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने सोमवार को पारित आदेश में कहा कि बधिर खिलाड़ियों को पुरस्कार के लिए आवेदन प्रस्तुत करने में सक्षम बनाने के लिए शीघ्रता से मानदंड तैयार किए जाएं। उन्होंने इसके साथ ही आवेदन की अंतिम तिथि को बढ़ाने का निर्देश भी दिया। पुरस्कारों के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 28 अक्टूबर थी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *