नई दिल्ली
बसपा सुप्रीमो मायावती ने काशीराम की जयंती के बाद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को प्रेस कांफेंस आयोजित की। मायावती ने काशीराम की जयंती मनाने को लेकर पूरे देश में उनके अनुयायियों का आभार व्यक्त किया है। साथ ही उन्होंने परिवारवाद पर जमकर निशाना भी साधा। बसपा प्रमुख ने कहा, कांशीराम जयंती जिस अति उत्साह व जोश के साथ मनाकर उनके अनुयायियों ने अपनी पार्टी को हर स्तर पर मजबूत बनाने का तथा उनकी एकमात्र उत्तराधिकारी व पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष का अपने पूरे तन, मन, धन से साथ देने का जो संकल्प लिया है तो उसने पार्टी को मजबूती देने के लिए मेरे हिम्मत व हौसले को कई गुना और ज्यादा बढ़ा दिया है, जिसे मैं अभी तक की तरह, आगे भी अपने जीते जी अपने व्यक्तिगत तथा भाई बहिन व रिश्ते नातों आदि के स्वार्थ में कभी भी कमजोर नहीं पड़ने दूंगी।
पार्टी हित में काम करेंगे तो दिया जाएगा मौका: मायावती
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए कहा, पार्टी व मूवमेन्ट के हित में बहुजन समाज के जो भी लोग अपनी पूरी ईमानदारी व निष्ठा से कार्य करते हैं तो उन्हें पार्टी में जरूर आगे बढ़ने का मौका दिया जायेगा और इस मामले में मेरे रिश्ते-नाते आडे नहीं आयेंगे। मायावती ने सत्ता पक्ष व विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, सत्ता व विपक्ष में बैठी सभी जातिवादी, साम्प्रदायिक व पूंजीवादी पार्टियों बसपा के विरुद्ध अन्दर अन्दर आपस में मिलकर बहुजन समाज की एकमात्र हितेषी पार्टी BSP को किस्म किस्म के हथकण्डों के जरिये इसे कमजोर करने की पूरी-पूरी कोशिश में लगी हैं, क्योंकि यहाँ जातिवादी पार्टियों को खासकर सन् 2007 में यूपी में बीएसपी का अकेले ही पूर्ण बहुमत के आधार पर सत्ता में आना अभी तक भी उनके गले के नीचे से कतई भी नहीं उतर पा रहा है और तभी से यहाँ सभी जातिवादी व खासकर दलित विरोधी पार्टियों किस्म किस्म के हथकण्डे इस्तेमाल करके बी.एस.पी. को कमजोर व खत्म करने में लगी है।
मायावती ने आगे कहा, सरकार ने ही यहां यूपी में इन वर्गों के लोगो को काफी हद तक अपने पैरों पर खड़ा किया है। अपने सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों को भी विभिन्न स्तर पर पूरा-पूरा आदर सम्मान दिया गया है जिसे लोग कभी भी नहीं भूला पायेंगे। लेकिन यह सब यहाँ सभी जातिवादी पार्टियों के गले के नीचे से अभी तक भी नहीं उतर पा रहा है। इसीलिए अब वे इन वगों में से स्वार्थी किस्म के लोगों को आगे करके उनके जरिये विभिन्न नाम पर अनेकों छोटे-छोटे संगठन व पार्टियां आदि बनवाकर के बीएसपी की इस ताकत को बांटकर इसे कमजोर करने में लगे हैं जिनसे बहुजन समाज के लोग जरूर सचेत रहें, यही समय की मांग है।
मायावती ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, देश के प्रधानमंत्री बीच-बीच में अपनी खुद की गरीबी का तो जरूर उल्लेख करते रहते है, लेकिन इन्होंने दलित व अन्य उपेक्षित वर्गों के लोगों की तरह यहां कभी भी कोई जातीय भेदभाव नहीं झेला है जो यह सब हमारे सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों ने झेला है, जिसे अभी भी इनके अनुयायी काफी हद तक झेल रहें है।