इंदौर
इंदौर में पंद्रह दिन बाद मानसून की आमद हो सकती है और अब नगर निगम को जलसंकट की चिंता सताई है। नियमों का हवाला देते हुए निगमायुक्त शिवम वर्मा ने नगर निगम सीमा क्षेत्र के रहवासी, औद्योगिक और वाणिज्यिक भवनों मालिकों को जल संवर्धन और वाटर रिचार्जिंग यूनिट का निर्माण करना अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए जुलाई माह की मियाद दी गई है। यह चेतावनी भी दी गई है कि यदि निर्माण नहीं किया जाता है तो फिर नगर पालिक निगम अधिनियम के तहत जुर्माना भी भरना होगा।
इसके अलावा इंदौर में होने वाले निर्माण कार्यों और कार सर्विस सेंटर में बोरिंग और नर्मदा के जल के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वे अब तरी करने और गाडि़यां धोने के लिए ट्रीटेंड वाॅटरों का ही इस्तेमाल कर पाएंगे। अफसरों ने कहा कि इंदौर में 48 स्थानों पर ट्रीटेड वाॅटर के हाइड्रेड लगाए गए है। वहां से पानी लेकर उसका उपयोग किया जाए।
यदि बोरिंग का उपयोग मिला तो फिर बोरिंग नगर निगम अधिगृहित कर लेगा। इंदौर में नर्मदा से 500 एमएलडी पानी आता है, लेकिन ज्यादातर निजी बोरिंगों में पानी नहीं होने के कारण जलसंकट शहर में छाया हुआ है। शहर में नगर निगम 200 से ज्यादा टैंकरों से पानी बांट रहा है। पानी की डिमांड लगातार बनी हुई है। इंदौर के 25 प्रतिशत इलाके में नर्मदा लाइन नहीं है। वहां सबसे ज्यादा जलसंकट बना हुआ है।