भोपाल
प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी और राजनीतिक मामलों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में पूर्व सीएम कमलनाथ पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह समेत कई दिग्गज नेता नदारद रहे। इस बैठक मेंसंगठन को मजबूत बनाने की रणनीतिक पर चर्चा की गई। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी और राजनीतिक मामलों की बैठक मंगलवार को पीसीसी में आयोजित की गई। इस बैठक में पूर्व सीएम कमलनाथ, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, डॉ. गोविंद सिंह समेत कई दिग्गज नेता नदारद रहे। इस बैठक में संगठन को मजबूत बनाने, जनसमस्याओं को प्राथमिकता देने, एवं आगामी आंदोलनों एवं अभियानों को लेकर चर्चा की गई।
बैठक में प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार समेत कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूत रहे। बैठक में प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी ने कहा कि संविधान पर हो रहे हमलों को रोकने और जनता को उसके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए यह अभियान निर्णायक साबित होगा। जीतू पटवारी ने कहा किहर कार्यकर्ता इस आंदोलन को अपनी जिम्मेदारी माने और हर गांव, हर वार्ड तक संविधान का संदेश लेकर जाए।
कांग्रेस को मजबूत करने सभी को जुटना होगा
हरीश चौधरी ने कहा कि सबको साथ मिलकर कांग्रेस को मजबूत करने में जुटना चाहिए। आज कांग्रेस को अर्जुन सिंह जैसे नेताओं की जरूरत है। जिस तरह अर्जुन सिंह सबको साथ लेकर चलते थे। उस तरह हर स्तर के नेता को काम करना चाहिए। अपने जिले के नेताओं और कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलने की कोशिश सबको करना चाहिए।
संविधान बचाओ अभियान पर विशेष चर्चा
बैठक का प्रमुख फोकस आगामी संविधान बचाओ अभियान पर रहा। निर्णय लिया गया कि 25 से 30 अप्रैल के बीच पूरे देश में संविधान बचाव रैली आयोजित की जाएगी। इस कार्यक्रम के अंतर्गत मध्यप्रदेश में इस अभियान को 28 अप्रैल से ग्वालियर में एक भव्य रैली के साथ किया जाएगा।
1- जिला स्तरीय संविधान बचाओ रैलियां 3 मई से 10 मई
प्रदेश के प्रत्येक जिले में समस्त DCC द्वारा PCC के समन्वय से रैलियाँ आयोजित की जाएँगी। इन रैलियों में मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियाँ – बढ़ती बेरोजगारी, महँगाई, कृषि संकट, ग्रामीण अर्थव्यवस्था की बदहाली आदि मुद्दों को उजागर किया जाएगा। युवाओं, किसानों, मजदूरों और दलित समुदायों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।
2- विधानसभा स्तरीय संविधान बचाओ रैलियां-11 मई से 17 मई
हर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के विधायक, पूर्व जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता जनजागरण करेंगे। ED, CBI, और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग, संवैधानिक संस्थाओं की अवहेलना, महिलाओं, दलितों और आदिवासियों के अधिकारों पर हमलों को उजागर किया जाएगा।
3- घर-घर संपर्क अभियान-20 मई से 30 मई
हर घर तक पहुंचने के लिए कार्यकर्ता द्वार-द्वार जाकर संवाद स्थापित करेंगे। विशेष रूप से महंगाई, बेरोजगारी, संविधानिक अधिकारों के हनन जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। अभियान साहित्य वितरित कर, सोशल मीडिया के माध्यम से भी संवाद को सशक्त किया जाएगा।