17वें सिविल सेवा दिवस के अवसर पर सम्मानित हुए नालंदा के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर

नालंदा

नालंदा के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर को 17वें सिविल सेवा दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया है। विज्ञान भवन नई दिल्ली में आयोजित भव्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया। यह सम्मान उन्हें जिले के समग्र विकास के लिए उनके उल्लेखनीय कार्यों और प्रभावी प्रशासनिक नेतृत्व के लिए दिया गया है।

पुरस्कार प्राप्ति के बाद डीएम शशांक शुभंकर ने कहा कि मैं हमेशा जिले के विकास में पूरी निष्ठा और प्रतिबद्धता के साथ काम करता रहा हूं। यह सम्मान मेरे लिए एक प्रेरणा है कि मैं और अधिक ऊर्जा, गति और सटीकता के साथ नालंदा के सर्वांगीण विकास में अपना योगदान दूं।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के प्रशासनिक अधिकारियों को संबोधित करते हुए सिविल सेवा की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह वर्ष हमारे संविधान का 75वां और सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती का भी प्रतीक है। 21 अप्रैल 1947 को सरदार पटेल ने सिविल सेवा कर्मियों को 'स्टील फ्रेम ऑफ इंडिया' की संज्ञा दी थी। उन्होंने स्वतंत्र भारत की प्रशासनिक मर्यादाओं की नींव रखी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक उत्कृष्ट सिविल सेवक वही है, जो राष्ट्र सेवा को अपना सर्वोच्च धर्म माने, लोकतांत्रिक मूल्यों को अपनाए, ईमानदारी, अनुशासन और समर्पण से कार्य करे और देश के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए निरंतर सक्रिय रहे।

विकसित भारत के विजन पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि आज जब हम एक विकसित भारत की ओर अग्रसर हैं, तो सरदार पटेल की दृष्टि और अधिक प्रासंगिक हो जाती है। ब्यूरोक्रेसी को इस विजन को धरातल पर उतारने में अहम भूमिका निभानी है। उन्होंने आगे कहा कि लाल किले से मैंने कहा था कि हमें आने वाले एक हजार वर्षों की नींव मजबूत करनी है। यह नई सहस्त्राब्दी का 25वां वर्ष है। हमारे आज के फैसले भविष्य की दिशा तय करेंगे।

अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने शास्त्रों का हवाला देते हुए कहा कि जैसे एक चक्र से रथ नहीं चल सकता, वैसे ही बिना पुरुषार्थ के भाग्य से सफलता नहीं मिलती। विकसित भारत के लक्ष्य को पाने के लिए सभी को एकजुट होकर कार्य करना होगा। इस समारोह में देशभर से आए प्रशासनिक अधिकारियों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। नालंदा के डीएम शुभंकर की यह उपलब्धि बिहार राज्य के लिए गर्व का विषय बन गई है।

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