उद्धव ने दिया ऑफर
मुंबई। महाराष्ट्र में चल रहे सियासी संकट के बीच शिवसेना और उद्धव ठाकरे नए पैंतरे आजमा रहे हैं। उद्धव ने पहले इस्तीफे की पेशकश की, फिर एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने की पेशकश कर दी। सूत्रों का कहना है, कि शुरुआती तौर पर शिंदे ने इसके लिए इनकार कर दिया, पर इस नए समीकरण से इनकार नहीं किया जा सकता, कि भाजपा को रोकने के लिए उद्धव का यह नया दांव कारगर हो जाए।
माना जा रहा है एनसीपी चीफ शरद पवार के साथ एक घंटे चली वार्ता में एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने पर विचार किया जा रहा है। इस वक्त ठाकरे पर सिर्फ सीएम पद नहीं शिवसेना का अस्तित्व भी खतरे में है। सूत्र बताते हैं कि एकनाथ शिंदे के साथ बड़े पैमाने पर विधायकों के जाने के पीछे कारण शिवसेना के कामकाज, विधायकों की फंडिग से असंतुष्टता है। इसके अलावा आदित्य ठाकरे के सरकार में ज्यादा दखलअंदाजी से भी शिंदे नाराज चल रहे थे।
उद्धव ने खेला इमोशनल कार्ड
इससे पहले महाराष्ट्र की सरकार और शिवसेना पर संकट के बीच उद्धव ठाकरे ने फेसबुक लाइव पर जनता को संबोधित करते हुए भावुक अपील की है। उन्होंने एकनाथ शिंदे गुट को इशारों में संकेत देते हुए कहा कि यदि कोई मुझे सीएम नहीं देखना चाहता है तो सामने आकर कहें, लेकिन शिवसेना के साथ गद्दारी न करें। यही नहीं संकट को स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि कहावत है कि पेड़ को जिस कुल्हाड़ी से काटा जाता है, उसमें लकड़ी ही लगी होती है। वही स्थिति आज पैदा हुई है। उन्होंने कहा कि यदि मेरे ही लोग मुझे सीएम नहीं देखना चाहते हैं तो फिर मैं क्या कर सकता हूं, यह सबसे बड़ा सवाल है।
उन्होंने बागी नेताओं से संवाद की अपील करते हुए कहा, ‘यदि आप मुझे सीएम नहीं देखना चाहते हैं तो मेरे सामने कह सकते थे, इसके लिए सूरत जाने की क्या जरूरत थी। यदि गुवाहाटी गए विधायकों में से कोई भी आकर कहता है कि मुझे सीएम नहीं देखना चाहता तो तुरंत इस्तीफा दे दूंगा। जो भी कहना है, मेरे सामने आकर कहें। एक तरफ वे कहते हैं कि वे शिवसेना से गद्दारी नहीं करेंगे और बगावत भी करना गलत है।’ उन्होंने कहा कि मेरे सामने आकर रहें तो तुरंत इस्तीफा दे दूंगा। मेरे साथ जब तक शिवसेना के कार्यकर्ता हैं, तब तक किसी भी चुनौती से डरूंगा नहीं। यदि शिवसैनिकों को लगता है कि मैं शिवसेना का प्रमुख बनने लायक नहीं हूं तो मैं उसे भी छोड़ने के लिए तैयार हूं।
उद्धव ने कहा, कि मेरे पद छोड़ने के बाद कोई शिवसैनिक सीएम बनता है तो मुझे खुशी होगी। मेरे अलावा यदि कोई और सीएम चाहिए तो मैं उसके लिए भी तैयार हूं। मेरे सामने आकर बात की जाए। कोई भी संकोच है तो फोन पर बात करें, लेकिन गद्दारी न करें। उद्धव ठाकरे ने कहा कि लोकतंत्र में संख्याबल पर ही जीत होती है, लेकिन यह कैसे जुटाई गई है, यह भी अहम बात है।
हिंदुत्व से समझौते पर भी उद्धव ठाकरे ने दिया जवाब
उद्धव ठाकरे ने कहा कि पिछले दिनों हमने राम मंदिर का दौरा किया था, उस दौरान तो एकनाथ शिंदे भी हमारे साथ थे। बालासाहेब ठाकरे की मृत्यु के बाद हमने 2014 का चुनाव अपने दम पर लड़ा और हिंदुत्व के मुद्दे पर ही सफलता हासिल की थी। शिवसेना और हिंदुत्व एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। हमने जब फैसला लेने की बात कही तो शरद पवार ने मुझसे बात की और कहा कि यदि आप ही सीएम बनें तो फिर हम समर्थन दे सकते हैं। उनका कहना था कि सीनियर नेता तो हमारे पास भी हैं, लेकिन सरकार का गठन होना है तो फिर आपको ही लीडरशिप करनी होगी। मैंने तो कहा था कि मेरे पास तो कभी नगर निगम का भी अनुभव नहीं रहा। मेरे पद लेने के पीछे कोई स्वार्थ नहीं है। राजनीति कभी भी कोई मोड़ ले सकती है।
उद्धव ठाकरे, बोले- शरद पवार और सोनिया गांधी ने मेरी बहुत मदद की
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को जनता को संबोधित करते हुए कहा कि वे इस्तीफा देने को तैयार हैं। उद्धव ठाकरे ने फेसबुक लाइव कर कहा, “अगर आप (विधायक) कहते हैं, तो मैं सीएम पद छोड़ने के लिए तैयार हूं। यह आंकड़ों के बारे में नहीं बल्कि इस बारे में है कि कितने (विधायक) मेरे खिलाफ हैं। एक भी व्यक्ति या विधायक मेरे खिलाफ होगा तो मैं चला जाऊंगा। अगर एक भी विधायक मेरे खिलाफ है तो यह मेरे लिए बहुत शर्मनाक है।”
ठाकरे ने कहा, “मैं विधायकों को अपना इस्तीफा देने को तैयार हूं, वे यहां आएं और मेरा इस्तीफा राजभवन लेकर जाएं। मैं शिवसेना पार्टी प्रमुख का पद भी छोड़ने को तैयार हूं, दूसरों के नहीं बल्कि अपने कार्यकर्ताओं के कहने पर।” उद्धव ठाकरे ने कहा कि सीएम के पद आते-जाते रहते हैं लेकिन असली संपत्ति लोगों का स्नेह है। पिछले 2 वर्षों में, मैं भाग्यशाली रहा कि मुझे लोगों से बहुत स्नेह मिला है।