रविंद्र भवन भोपाल में घटित तथाकथित रेप की घटना में नया खुलासा

भोपाल

ABVP भोपाल के पूर्व संगठन मंत्री भगवान सिंह राजपूत के ऊपर मऊगंज निवासी एक दलित नाबालिक बच्ची को टूल किट बना कर पोस्को, बलात्कार सहित SC/ST के अंतर्गत शिकायत श्यामला हिल्स थाना भोपाल में दिनांक 07 फ़रवरी 2025 को की गई थी जिसमें घटना दिनांक 30 जनवरी 2025, घटना स्थल रविंद्र भवन भोपाल का जिक्र किया गया था और घटना समय शाम 04 बजे की बताई गई थी, आरोपी उस समय प्रवर्तन निदेशालय ED के कार्यालय में उपस्थित था जिसकी पुष्टि भी की गई इस प्रकार भोपाल पुलिस की समझदारी और सूझबूझ की वजह से जब मामले में जाँच हुई सत्य सामने आ गया।

छद्म फरियादि और इनके साथ शामिल एक गिरोह जिसमें दो पुरुष एवं एक महिला संलिप्त है के द्वारा जब भोपाल में दाल नहीं गली तो फरियादी को थाना मऊगंज रीवा लेकर गये और वहाँ पर पुलिस को गुमराह करते हुए अपराध घटित होने का समय शाम 04 बजे को बदल कर शाम 07:00 बजे कर दिया और एक अन्य आरोपी का नाम जोड़ दिया गया जिससे की कोई भी व्यक्ति आरोपी की मदद के लिए साथ न आए, जबकि आरोपी उस समय भी एक सार्वजनिक स्थल पर था जहाँ CCTV कैमरे लगे हुए है, पुलिस ने मऊगंज में जीरो पर अपराध पंजीबद्ध किया और अपराध पंजीयन के बाद 08 दिनों तक केस डायरी मऊगंज पुलिस अपने पास में ही रखी रही जिससे की सारी CCTV फूटेज डिलीट हो जाय और बाद में भोपाल पुलिस के पास केस डायरी भेज दी गई। जिसकी वजह से मऊगंज पुलिस के ऊपर भी सवालिया निशान खडे होते है।

सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि फरियादी ने भोपाल का जो अपना पता पुलिस को बताया उस पते पर फरियादी कभी रही ही नहीं जिसके संबंध में भी जाँच की आवश्यकता है और फरियादी के द्वारा दिए गये शिकायती आवेदन पर जो मोबाइल नंबर अंकित किया गया है वो भी किसी शिवम दुबे नामक व्यक्ति का है, इस प्रकार से एक गिरोह ने एक नाबालिक बच्ची को टूल किट बना कर झूठा प्रकरण दर्ज करवा दिया है। सूत्रो से ज्ञात हुआ है की इस गैंग में शामिल एक महिला भी है जो पूर्व में भी भोपाल के एक थाने में ऐसे ही शिकायत कर एक व्यक्ति से अडीबाजी कर चुकी हैं। मामला बहुत गंभीर है और कानून का दुरूपयोग किया गया है इसलिए इस पूरे मामले की जाँच CBI/SIT से करवाई जाय जिससे की भविष्य में कोई भी अन्य गिरोह इस प्रकार के कार्य को करने से डरे |

पुलिस को आरोपी, फरियादी एवं इस गैंग में शामिल सभी लोगो के CDR, विडिओ फूटेज आदि को निकाल कर निष्पक्ष जाँच करनी चाहिए । आरोपी भगवान सिंह राजपूत से भी इस टूल किट गैंग एक एक सदस्य ने मोबाइल पर सम्पर्क किया था जिसके संबंध में भी भगवान सिंह ने भोपाल पुलिस को जानकारी दी थी, इस टूल किट गैंग का सम्पर्क भोपाल के कई कांग्रेस के नेताओं से भी है, इसलिए इसमें इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस तीन दशकों से सत्ता कि मलाई से दूर है और हताश होकर आरएसएस, ABVP से संबंधित लोगों के खिलाफ इस प्रकार के षड़यंत्र रच रही हो ये जाँच का विषय है।

शुरुआती दौर में कांग्रेस ने खूब धरना प्रदर्शन किए लेकिन आरोपी ने जैसे ही वीडियो जारी कर और शासन को पत्र लिखकर CBI/SIT जाँच कि मांग कि तो कांग्रेस बैक फुट पर आ गई। कांग्रेस के इशारे पर काम करने वाली इस "टूल किट" गैंग के एक सदस्य ने आरोपी को भी फोन करके मामले को रफादफा करवाने की बात भी कही थी जिसके संबंध में भी आरोपी ने भोपाल पुलिस को सूचना दी थी। इसी गैंग कि एक सदस्य का भाई इस प्रकरण में गवाह भी है।

ज्ञात हो कि इस प्रकरण में आरोपी भगवान सिंह राजपूत का संबंध देश के एक राष्ट्रवादी विचारधारा वाले संगठन से है और भगवान सिंह ने पूर्व में बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी के परियोजना अधिकारी नरेंद्र त्रिपाठी के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका भी दायर की थी जिसके बाद परियोजना अधिकारी नरेंद्र त्रिपाठी को यूनिवर्सिटी से ट्रमिनेट कर दिया गया था। जनता से जुड़े एक अन्य मामले में नकली दूध, नकली घी, और नकली पनीर, बनाने वाली कम्पनी जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट्स प्रा लि एवं इसके संचालक के विरूद्ध भी भगवान सिंह ने देश की तमाम जाँच एजेंसीज को शिकायत की गई थी जिसके बाद आर्थिक अपराध शाखा भोपाल EOW के द्वारा इस संस्थान पर छापेमारी की कार्यवाही हुई और विभिन्न गंभीर धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किया गया था | इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ED ने भी जयश्री गायत्री फूड पर छापेमारी की कार्यवाही की और इस कम्पनी के बहुत सारे अवैधानिक दस्तावेज भी जब्त किये थे।

एक व्हिस्ल ब्लोवर के साथ अगर इस प्रकार की घटना घटित हुई है और फर्जी अपराध विभिन्न गंभीर धाराओं में दर्ज हुआ है तो निश्चित ही इसकी जाँच CBI/SIT से होनी चाहिए। सरकार को भी इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए।

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