जम्मू
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि हर कश्मीरी को आतंकवाद से जुड़ा बताना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का हर निवासी आतंकवादी नहीं है या आतंकवादियों से जुड़ा नहीं है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में नई दिल्ली के लाल किले के पास हुए आतंकी हमले की निंदा की, जिसमें कम से कम 12 लोग मारे गए हैं। उन्होंने कहा, "घटना की जितनी निंदा की जाए कम है। बेगुनाह लोगों का कत्ल करने की इजाजत कोई मजहब नहीं देता है। कार्रवाई चल रही है और जांच होती रहेगी, लेकिन हमें ख्याल रखना होगा कि जम्मू-कश्मीर का हर नागरिक आतंकवादी नहीं है और न ही वह आतंकियों के साथ है।"
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सिर्फ चंद लोग हैं, जिन्होंने यहां अमन और भाईचारे को बिगाड़ने की कोशिश की है। उन्होंने यह भी कहा कि जब हम जम्मू-कश्मीर के हर निवासी और हर कश्मीरी मुसलमान को एक ही विचारधारा से देखते हैं और सोचते हैं कि उनमें से हर एक आतंकवादी है, तो लोगों को सही रास्ते पर रखना मुश्किल हो जाता है।
दिल्ली कार ब्लास्ट के आतंकियों के पेशेवर पृष्ठभूमि (जिनमें डॉक्टर भी शामिल हैं) से होने पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पढ़े-लिखे लोग भी ऐसी चीजों में शामिल नहीं होते हैं। उन्होंने कहा, "क्या हमने इससे पहले विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों को नहीं देखा? मैं इस बात से स्तब्ध हूं कि उन्हें नौकरी से निकाल तो दिया गया, लेकिन उसके बाद किस तरह की जांच की गई? मुकदमा क्यों नहीं चलाया गया?"
इस दौरान, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस हादसे के लिए कसूरवार को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए, लेकिन बेगुनाह लोगों को इससे बाहर रखना होगा। उन्होंने फिर से दोहराया कि वे सिर्फ चंद लोग हैं जो हमले के लिए जिम्मेदार हैं। बता दें कि दिल्ली कार ब्लास्ट और फरीदाबाद में आतंकी मॉड्यूल के खुलासे के दौरान पकड़े गए संदिग्ध आतंकियों में से अधिकतर जम्मू-कश्मीर के निवासी हैं।