जयश्री गायत्री फूड्स की पायल मोदी ने जहर खाकर जान देने की कोशिश की, नोट में मंत्री चिराग पासवान का नाम

भोपाल
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में जयश्री गायत्री फूड्स की पायल मोदी ने जहर खाकर जान देने की कोशिश की। उन्होंने चूहे मारने की दवा खा ली। उन्हें बंसल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। पायल ने एक नोट भी छोड़ा है। इसमें केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान का नाम शामिल है। साथ ही पांच अन्य लोगों पर कई एजेंसियों से छापेमारी करवाने का आरोप लगाया है। यह घटना ईडी द्वारा उनकी कंपनी पर छापेमारी के एक दिन बाद हुई है। ईडी को छापेमारी में 66 करोड़ की संपत्ति, 25 लाख नकद और लग्जरी गाड़ियां मिलीं। कंपनी पर फर्जी लैब सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करके मिलावटी दूध उत्पाद बेचने का आरोप है।

जयश्री गायत्री फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक किशन मोदी की पत्नी पायल मोदी ने गुरुवार शाम इस घटना को अंजाम दिया। पर समय पर उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस अभी तक इस कोशिश की वजह का पता नहीं लगा पाई है। लेकिन एक नोट मिला है, जिसमें केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान और पांच अन्य लोगों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
मंत्री चिराग पासवान सहित इनके नाम

पायल मोदी जयश्री कंपनी की डायरेक्टर भी हैं। उन्होंने अपने नोट में चिराग पासवान के अलावा सुनील त्रिपाठी, वेद प्रकाश पांडे, भगवान सिंह मेवाड़ा, चंद्र प्रकाश पांडे और हितेश पंजाबी का नाम लिखा है। नोट में दावा किया गया है कि ये सभी लोग चिराग पासवान के राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करके उनकी कंपनियों पर सीजीएसटी, एफएसएसएआई, ईओडब्ल्यू और ईडी से छापेमारी करवा रहे हैं। नोट में यह भी बताया गया है कि चंद्र प्रकाश पांडे और चिराग पासवान रिश्ते में जीजा-साले हैं, जबकि वेद प्रकाश पांडे और चंद्र प्रकाश पांडे सगे भाई हैं।
पति ने की नोट की पुष्टि

पुलिस ने नोट मिलने की पुष्टि की है, लेकिन अभी उसे जब्त नहीं किया गया है। थाना प्रभारी भूपेंद्र कोल संधू ने बताया कि नोट को जांच में शामिल किया जाएगा। किशन मोदी ने भी पुष्टि की है कि सुसाइड नोट उनकी पत्नी ने ही लिखा है।
कई ठिकानों पर मारा छापा

ईडी की छापेमारी की बात करें तो बुधवार को भोपाल, सीहोर और मुरैना में कंपनी के ठिकानों पर छापेमारी की गई। ईडी को छापेमारी में 66 करोड़ रुपये की संपत्ति के दस्तावेज, 25 लाख रुपये नकद और बीएमडब्ल्यू और फॉर्च्यूनर जैसी लग्जरी गाड़ियां मिली हैं। ईडी ने कंपनी की 6.26 करोड़ रुपये की एफडी भी फ्रीज कर दी है। ईडी की कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के तहत की गई है।
जांच में मिली अनियमितता

ईडी की जांच में पता चला है कि कंपनी फर्जी लैब सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करके मिलावटी दूध उत्पाद बेच रही थी। यह मिलावटी उत्पाद देश और विदेश दोनों जगह सप्लाई किए जा रहे थे। कंपनी के निदेशक इस धोखाधड़ी में शामिल थे। उत्पादन और वितरण दोनों में ही गड़बड़ी पाई गई है।

 

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