नए जिले मैहर में जेआईटी पोर्टल में तकनीकी समस्या आने से नहीं हो रहा भुगतान, किसानों के 150 करोड़ अटके

सतना
कुछ समय पूर्व ही अस्तित्व में आए मैहर जिले में टेक्निकल एरर के कारण किसानों का 150 करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान अटक गया है। समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के एवज में मिलने वाली इस रकम का कुछ हिस्सा जारी हो चुका है, लेकिन तकनीकी खामी के कारण वह पैसा किसानों के खाते में नहीं जा पा रहा है। मैहर में इस सत्र में 8600 किसानों ने 150.12 करोड़ रुपए से अधिक कीमत का 5.77 लाख ङ्क्षक्वटल गेहूं समर्थन मूल्य पर बेचा था।

डिजिटल हस्ताक्षर करते ही भुगतान फेल हो गया
किसानों को देने के लिए राज्य शासन से 5 से 12 मई के बीच 3.73 करोड़, 99 लाख और 55.22 करोड़ रुपए के ईपीओ नागरिक आपूर्ति निगम कार्यालय मैहर को प्राप्त भी हुए। लेकिन जेआईटी पोर्टल में तकनीकी खामियों के कारण डिजिटल हस्ताक्षर करते ही भुगतान फेल हो गया। मैहर के उलट सतना में 184 करोड़ का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। यहां 25667 किसानों से 523.33 करोड़ रुपए मूल्य के 20.12 लाख ङ्क्षक्वटल गेहूं की खरीदी की गई थी। शेष भुगतान की प्रक्रिया चल रही है।

इन्हें भुगतान का इंतजार
अमरपाटन ब्लॉक के ग्राम लालपुर निवासी किसान नारायण प्रसाद चौरसिया को 189 ङ्क्षक्वटल गेहूं के भुगतान का इंतजार है। किसान ने 11 अप्रेल को यह गेहूं बेचा था। इसी तरह 13 अप्रेल को 75 ङ्क्षक्वटल गेहूं का विक्रय करने वाले जरियरी गांव निवासी भगवती पाण्डेय को भी भुगतान की प्रतीक्षा है। 15 अप्रेल को 240 ङ्क्षक्वटल गेहूं देने वाले मैहर के घनश्याम प्रसाद त्रिपाठी भी 6 लाख 24 हजार रुपए की अपनी राशि मिलने की बाट जोह रहे हैं। 24 अप्रेल को 19 ङ्क्षक्वटल गेहूं का विक्रय करने वाले मैहर के ग्राम देवरा निवासी रामदयाल कुशवाहा को भी 49 हजार 400 रुपए के बकाया में से एक पाई का भुगतान भी नहीं हुआ है।

जेआईटी पोर्टल में तकनीकी समस्या आने से नहीं हो रहा भुगतान
जेआईटी पोर्टल में तकनीकी समस्या के कारण अभी किसानों को भुगतान नही हो रहा। लगभग डेढ़ सौ करोड़ का भुगतान लंबित है। प्रबंधक संचालक को चिठ्ठी भेजकर अवगत कराया गया है। इसके साथ ही 12 मई को एनआईसी भोपाल को भी पत्र से जानकारी भेज दी गई है। राजीव पाण्डेय, प्रभारी डीएसओ, मैहर

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