लखनऊ
बादशाहनगर रेलवे कॉलोनी में शिक्षा विभाग द्वारा स्थापित प्राथमिक विद्यालय पर रेलवे का बुलडोजर चलेगा। इसकी नोटिस जारी होने के साथ ही शिक्षा विभाग द्वारा अब नई जमीन की तलाश शुरू हो गई है। बादशाहनगर स्टेशन के चौड़ीकरण व मेट्रो स्टेशन को जोड़ने के लिए बनाए जा रहे पुल के बीच में यह स्कूल आ रहा है। बच्चों के सामने शिक्षा का संकट है तो शिक्षा विभाग पास के विद्यालय में समायोजित करने की बात कह रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर अस्थाई विद्यालय की व्यवस्था रेलवे कालोनी में किए जाने की मांग की है।
स्कूल तोड़े जाने को लेकर रेलवे दो बार नोटिस जारी कर चुका है। हालांकि, उसने यह नहीं बताया है कि विद्यालय के लिए नया भवन कहां दिया जाएगा। जिस जमीन पर स्कूल बनाया गया था, वह भी रेलवे की है। रेलवे की सहमति से ही विद्यालय की स्थापना की गई, लेकिन अब स्टेशन का विस्तार किया जा रहा है। पूर्वोत्तर रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर ने नोटिस में कहा कि विद्यालय जर्जर है। वहीं, एक रेलवे पुल मेट्रो से जोड़ा जाएगा। इसके काम से होने वाले कंपनी से स्कूल की इमारत गिरने का डर है। ऐसे में अब इसे तोड़ा जाएगा।
प्रभारी प्रधानाध्यापिका अनीता ने रेलवे को पत्र लिखकर पास में ही दो कमरे देने की गुजारिश की है। विद्यालय में ज्यादातर रिक्शा चालकों व मजदूरों के बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल हटने का दूर होने से उनकी पढ़ाई बाधित होगी। पांच दशक पहले से शिक्षा विभाग सीमेंट के शेड के नीचे विद्यालय का संचालन कर रहा है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राम प्रवेश ने बताया कि जमीन रेलवे की है, शिक्षा विभाग की नहीं है। ऐसे में हम रेलवे से अनुरोध करेंगे। रही बात बच्चों की पढ़ाई तो अभी अवकाश है। स्कूल खुलने पर उनकी सुविधानुसार पास के विद्यालयों में समायोजित किया जाएगा। उनकी पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आएगी।