रायपुर निगम का ऑनलाइन सिस्टम फेल, प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं होने से नामांतरण, भवन अनुज्ञा जैसे काम अटके

रायपुर

रायपुर नगर निगम का संपत्तिकर जमा करने का भुगतान विंडो पिछले 15 दिनों से बंद पड़ा है. टैक्स जमा नहीं हो पाने की वजह से लोगों के कई जरूरी काम अटक गए हैं. दरअसल, नक्शा पास कराने, बिजली का कनेक्शन लेने, गुमाश्ता लाइसेंस बनवाने समेत अन्य कई अन्य कार्यों में संपत्तिकर की चालू वर्ष की रसीद लगती है, जो टैक्स जमा नहीं होने से अटक गए हैं.

दरअसल, नए वित्तीय वर्ष के पहले तीन महीने में टैक्स जमा करने पर नगर निगम की ओर से संपत्तिकर में 6.5 प्रतिशत की छूट दी जाती है, इसलिए बड़ी संख्या में लोग टैक्स जमा करने के लिए पहुंच रहे हैं. लोग ऑनलाइन भुगतान करने की कोशिश कर रहे हैं. निगम की वेबसाइट में प्रापर्टी आईडी डालने के बाद वार्ड नंबर मकान नंबर इत्यादि सबकुछ अपडेट बता रहा है. टैक्स भी ड्यू दिखा रहा है, लेकिन लोग जैसे ही भुगतान करने के लिए पेमेंट आप्शन में पहुंचते हैं, तो भुगतान ही नहीं हो रहा है.

राजस्व विभाग से जुड़े जानकारों से इस संबंध में बात की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ. दरअसल, नगर निगम चुनाव के पहले वार्डों का परिसीमन हुआ था. उस परिसीमन में अधिकांश वार्डों का क्रमांक बदल गया. कई वार्डों की सीमाएं बदल गई. नए सिरे से वार्ड बनने के बाद उसकी जानकारी को राजस्व रिकार्ड में अपडेट करना है.

पूरा सिस्टम पुराने वार्डों और वित्तीय वर्ष के अनुसार है. इसे परिसीमन के बाद नए वित्तीय वर्ष में शिफ्ट करना है. इसके लिए सभी डेटा तैयार कर लिए गए हैं, लेकिन वह सिस्टम में अपडेट नहीं हो पाया है. सिस्टम में अपडेट नहीं होने तक भुगतान ऑप्शन चालू नहीं किया जा सकता.

तीन साल पूरा, बढ़ेगा यूजर चार्ज
संपत्तिकर भुगतान नहीं हो पाने की एक बड़ी वजह यूजर चार्ज को नए सिरे से अपग्रेड करना है. दरअसल, राज्य शासन के नियम के अनुसार हर तीन साल में यूजर चार्ज में वृद्धि करनी है. तीन साल पहले यूजर चार्ज लागू किया गया था. वित्तीय वर्ष 2024-25 में तीन साल पूरा हो गया. अब वित्तीय वर्ष 2025-26 में यूजर चार्ज में वृद्धि करना और इसे प्रापर्टी टैक्स में जोड़ा जाना है.

खाली प्लाट पर भी लगेगा टैक्स
निगम अफसरों के अनुसार, यूजर चार्ज में वृद्धि का पूरा खाका तैयार हो गया है. इसे अंतिम अनुमति देने के बाद संपत्तिकर में जोड़ा जाएगा. खाली प्लाट पर भी देना होगा टैक्स ऐसे बहुत से खाली प्लाट के मालिक हैं, जो उसका उपयोग गैरेज या अन्य व्यवसाय में कर रहे हैं. खाली प्लाट होने के कारण वे टैक्स जमा नहीं कर रहे हैं. उनसे भी यूजर चार्ज वसूल किया जाना है.

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