नई दिल्ली
रोहित शर्मा के टेस्ट रिटायरमेंट पर बातें बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी खत्म होने के बाद ही शुरू हो गई थी। उस सीरीज में टीम इंडिया को 1-3 से हार का सामना करना पड़ा था। टीम ना सिर्फ वह सीरीज हारी थी, बल्कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल का भी सपना चकनाचूर हुआ था। रोहित ने अपनी खराब फॉर्म को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के आखिरी मैच से बाहर बैठने का फैसला किया था। रवि शास्त्री ने इस मुद्दे पर कहा कि अगर गौतम गंभीर की जगह वह कोच होते तो रोहित को कभी ऐसा नहीं करने देते। उन्होंने यह बात IPL के दौरान खुद हिटमैन को बताई।
रवि शास्त्री ने ICC से बिना गौतम गंभीर का नाम लिए कहा, “मैंने रोहित को टॉस के समय बहुत बार देखा। टॉस के समय आपको बोलने के लिए ज्यादा समय नहीं मिलता। हालांकि मैंने एक मैच में उनके कंधे पर हाथ रखा था। मुझे लगता है कि यह मुंबई में था और मैंने उनसे कहा था, अगर मैं कोच होता तो आप आखिरी टेस्ट मैच से बाहर नहीं बैठते। आप आखिरी टेस्ट मैच खेलते क्योंकि सीरीज खत्म नहीं हुई थी। और मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो 2-1 के स्कोर के साथ हार मान लेता। अगर आपकी मानसिकता ऐसी है कि आपको लगता है कि आप… यह कोई स्टेज नहीं है, तो आप टीम छोड़ देते हैं।”
शास्त्री ने आगे कहा, "वह 30-40 रन का मैच था और यही मैंने उनसे कहा था। सिडनी में पिच बहुत तीखी थी। वह जिस भी फॉर्म में हों, वह मैच जीतने वाले खिलाड़ी हैं। अगर वह जाते, स्थिति को समझते और ऊपर 35-40 रन बनाते, तो आप नहीं जानते क्या हो सकता था। वह सीरीज बराबरी पर होती। लेकिन यह हर किसी का अपना होता है। दूसरे लोगों की अलग-अलग शैली होती है। यह मेरी शैली होती और मैंने उन्हें यह बता दिया। यह लंबे समय से मेरे दिल में बैठा हुआ है। मुझे इसे बाहर निकालना था। और मैंने उन्हें यह बताया।"
अगर रोहित शर्मा सिडनी टेस्ट खेलते और कुछ रन बनाकर भारत को जीत दिलाते तो वह सीरीज 2-2 की बराबरी पर समाप्त होती। इस स्थिति में ना तो रोहित शर्मा और ना ही विराट कोहली पर कोई गाज गिरती। हालांकि रोहित शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया के खराब दौरे के बाद भी हार नहीं मानी थी, उन्होंने आखिरी टेस्ट के दौरान कहा था कि वह कहीं नहीं जा रहे हैं। मगर इंग्लैंड दौरे से पहले उन्होंने अचानक संन्यास लेकर हर किसी को चौंका दिया।
रोहित शर्मा ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले ही अपनी फॉर्म खो चुके थे, बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ होम सीरीज में उनका बल्ला शांत था। न्यूजीलैंड के खिलाफ तो टीम इंडिया को 0-3 से हार का सामना करना पड़ा था। भारत 2012 के बाद पहली बाहर घर पर कोई सीरीज हारा था।