इंदौर में सड़क हादसों के मामले लगातार बढ़ रहे , जिससे 108 एंबुलेंस सेवा पर दबाव बढ़ा

इंदौर

इंदौर में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे 108 एंबुलेंस सेवा पर दबाव बढ़ गया है। जनवरी के महीने में इस सेवा के माध्यम से 671 लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया, जो विभिन्न दुर्घटनाओं में घायल हुए थे। इसके अलावा, 2662 मरीजों को 108 एंबुलेंस सेवा द्वारा 15 से 20 मिनट के भीतर स्वास्थ्य लाभ दिलाया गया। वहीं, अस्पताल से मरीजों को लाने और ले जाने की सुविधा 1822 लोगों को प्रदान की गई। 108 एंबुलेंस सेवा के साथ-साथ 54 जननी सुरक्षा एंबुलेंस भी शहर और ग्रामीण इलाकों में अपनी सेवाएं दे रही हैं। इनमें से 34 एंबुलेंस ग्रामीण क्षेत्रों में और 20 शहरी क्षेत्रों में तैनात हैं। इनमें 7 एंबुलेंस ऐसी हैं जो कार्डियक अरेस्ट और अन्य गंभीर मामलों के लिए पूरी तरह से सुसज्जित हैं। हालांकि, इंदौर की बढ़ती आबादी और दुर्घटनाओं की संख्या को देखते हुए यह सेवा अपर्याप्त मानी जा रही है।  

शहरी क्षेत्रों में ज्यादा दुर्घटनाएं
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 108 एंबुलेंस सेवा का सबसे अधिक उपयोग गर्भवती महिलाओं और सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुए मरीजों के लिए किया गया है। जनवरी में 921 गर्भवती महिलाओं को जननी सुरक्षा एंबुलेंस द्वारा अस्पताल पहुंचाया गया। वहीं, 671 मरीज सड़क दुर्घटनाओं और अन्य हादसों में घायल होने के कारण अस्पताल भेजे गए। ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी इलाकों में हादसों की संख्या अधिक देखी गई है। शहरी क्षेत्रों में हार्ट अटैक, मिर्गी और सड़क दुर्घटनाओं के 352 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जहां मरीजों को समय पर चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए 108 एंबुलेंस सेवा सक्रिय रही।  

108 सेवा ने जहर खाने वाले 42 मरीजों की जान बचाई  
आपातकालीन स्थिति में 108 एंबुलेंस सेवा के साथ-साथ जननी सुरक्षा और बेसिक मेडिकल सुविधाओं से लैस एंबुलेंस भी काम कर रही हैं। जननी सुरक्षा योजना के तहत 18 वाहन गर्भवती महिलाओं के लिए तैनात किए गए हैं। जनवरी के आंकड़ों पर नजर डालें तो पेट से जुड़ी बीमारियों के 125 मरीजों को अस्पताल पहुंचाया गया। हार्ट अटैक के 58 मामले सामने आए, जबकि 42 लोग जहर खाने के कारण अस्पताल लाए गए, जहां समय पर इलाज मिलने से उनकी जान बचाई जा सकी।  इसके अलावा, स्ट्रोक और श्वसन संबंधी समस्याओं के 70 से अधिक मरीजों को 108 एंबुलेंस की सहायता से अस्पताल पहुंचाया गया। नवजात शिशुओं की गंभीर स्थिति या कुपोषण के मामलों में भी इस सेवा का उपयोग किया गया। बीते महीने ऐसे 106 मामले सामने आए थे, जिनमें नवजातों को समय पर अस्पताल पहुंचाया गया। इंदौर में बढ़ते हादसों और आपातकालीन स्थितियों को देखते हुए चिकित्सा सेवाओं का विस्तार करना आवश्यक हो गया है। 108 एंबुलेंस सेवा शहर में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, लेकिन बढ़ती जरूरतों को देखते हुए इसमें और सुधार की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

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