नई दिल्ली
केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर पार्टी लाइन के खिलाफ दिए गए बयानों के चलते कांग्रेस में निशाने पर हैं। इस बीच, केंद्र की मोदी सरकार थरूर को अहम जिम्मेदारी देने जा रही है। दरअसल, सरकार ने आतंकवाद पर पाकिस्तान की सच्चाई से दुनियाभर को रूबरू करवाने की योजना बनाई है। इसके लिए वह थरूर को अहम भूमिका देने की तैयारी में है। पिछले दिनों कांग्रेस की बैठक के बाद सूत्रों ने बताया था कि भारत और पाकिस्तान के मुद्दे पर अपने बयानों से शशि थरूर ने लक्ष्मण रेखा लांघ दी है।
सूत्रों के अनुसार, विदेश मामलों पर संसदीय पैनल के प्रमुख शशि थरूर को बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी देने जा रही है। इसके लिए सरकार ने थरूर से संपर्क भी किया है। सूत्रों ने बताया कि थरूर भी चाहते हैं कि वे इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करें और खासतौर पर अमेरिका में तो जरूर करें। वह विदेश मामलों की स्थायी कमेटी के अध्यक्ष हैं। हालांकि, उन्होंने सरकार से कहा है कि इसके लिए सरकार को पहले कांग्रेस पार्टी से संपर्क करके इसपर में सलाह लेनी होगी।
इसमें कई प्रतिनिधिमंडल बनाए जाएंगे, जो विदेश का दौरा करके आतंकवाद पर दूसरे देशों के सामने पाकिस्तान की पोल खोलेंगे। हर एक प्रतिनिधिमंडल में पांच से छह सांसद हो सकते हैं। इसमें एक विदेश मंत्रालय का भी एक प्रतिनिधि और एक सरकारी अफसर होगा। सरकार ने सांसदों से बता भी दिया है कि वह यह देख लें कि उनके पास पासपोर्ट और विदेश की यात्रा करने के लिए जरूरी कागजात पहले से उपलब्ध हों। इस यात्रा का समन्वय विदेश मंत्रालय करने जा रहा है।
यह प्रतिनिधिमंडल 22 मई के आसपास रवाना हो सकता है और फिर अगले महीने तीन-चार जून तक वापस आएगा। सरकार ने इसमें विभिन्न दलों के सांसदों को भेजने जा रही है। कांग्रेस के मनीष तिवारी, अमर सिंह, शिवसेना यूबीटी की प्रियंका चतुर्वेदी, बीजेपी के समिक भट्टाचार्य, बीजेडी के सस्मित पात्रा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, एनसीपी-शरद पवार गुट की सुप्रिया सुले समेत कई अन्य सांसदों के नाम शामिल हैं।
'थरूर ने लांघ दी लक्ष्मण रेखा'
कांग्रेस सांसद शशि थरूर पिछले कुछ समय से विभिन्न मुद्दों पर सरकार की नीतियों का समर्थन कर चुके हैं। इसकी वजह से कांग्रेस सूत्रों ने बुधवार को कहा कि पार्टी में सबको अपनी राय रखने की आजादी है, लेकिन थरूर ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव से जुड़े मुद्दे पर अपने हालिया बयानों से लक्ष्मण रेखा लांघ दी है। सूत्रों ने यह भी कहा कि आलाकमान ने नेताओं को हिदायत दी है कि वे इस मुद्दे पर अपनी व्यक्तिगत राय व्यक्त करने के बजाय पार्टी का पक्ष रखें। हालांकि, थरूर ने अगले दिन इन अटकलों को खारिज कर दिया। थरूर ने कहा कि उन्हें इस बारे में मीडिया के माध्यम से ही जानकारी मिली है और यह बिना किसी आधार पर मीडिया द्वारा गढ़ी गई है।