इंदौर
इंदौर शहर में एयरपोर्ट से रीगल तिराहे तक मेट्रो का 8.9 किमी का भूमिगत हिस्सा हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी-टाटा प्रोजेक्ट लि.(एचसीसी-टीपीएल) का संयुक्त उपक्रम तैयार करेगा। इस हिस्से में कंपनी अप और डाउन लाइन की दो भूमिगत टनल तैयार करेगी और सात भूमिगत स्टेशन तैयार करेगी।
मप्र मेट्रो रेल प्रबंधन द्वारा इस संबंध में एचसीसी-टीपीएल कंपनी को वर्कआर्डर जारी कर दिया गया है। तीन-चार माह में कंपनी मैदानी स्तर पर काम शुरू करेगी। कंपनी को चार साल में प्रोजेक्ट पूर्ण करना होगा। कंपनी इस प्रोजेक्ट पर 2190.91 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
एशियन डेवलपमेंट बैंक दे रहा है लोन
इंदौर के भूमिगत मेट्रो प्रोजेक्ट में एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) 1600 करोड़ रुपये का लोन दे रहा है। ऐसे में एडीबी एचसीसी-टीपीएल का वित्तीय मूल्यांकन कर एनओसी जारी करने के बाद ही मेट्रो प्रबंधन ने कंपनी को वर्कआर्डर जारी किया। मेट्रो के भूमिगत प्रोजेक्ट के लिए 60 फीसद राशि एडीबी के लोन से मिलेगी। वहीं 20-20 फीसद राशि केंद्र व राज्य सरकार दे रही है।
मेट्रो के भूमिगत रूट पर इन स्थानों पर तैयार होंगे स्टेशन
एयरपोर्ट
बीएसएफ
रामचंद्र नगर
बड़ा गणपति
छोटा गणपति
राजवाड़ा
रीगल
कंपनी करेगी जियो टेक्नीकल और यूटिलिटी सर्वे
एचसीसी-टीपीएल कंपनी को भूमिगत मेट्रो निर्माण के लिए वर्कआर्डर जारी होने के बाद कंपनी अगले तीन से चार माह में कंपनी काम शुरू करेगी। सबसे पहले कंपनी जियो टेक्नीकल सर्वे के साथ मिट्टी के परीक्षण का कार्य करेगी।
कंपनी भूमिगत मेट्रो निर्माण के पहले उस रूट पर जमीन के नीचे मौजूद सीवरेज, नर्मदा पाइप लाइन, गैस लाइन सहित अन्य सेवाओं की जानकारी प्राप्त करने के लिए ‘यूटिलिटी ट्रायल ट्रेंचिंग’ का सर्वे करेगी।
20 मीटर गहराई में उतारेंगे मशीन
कंपनी मेट्रो के भूमिगत प्रोजेक्ट के लिए एयरपोर्ट व बड़ा गणपति के पास वेयर हाउस की जमीन पर करीब 800 वर्गमीटर हिस्से में खोदाई कर भूमिगत मेट्रो की टनल बनाने वाली टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) को जमीन की 20 मीटर गहराई में उतारा जाएगा। इसके बाद भूमिगत मेट्रो के निर्माण का कार्य शुरू होगा।
इंदौर मेट्रो
31.32 किमी कुल लंबाई
22.62 किमी एलिवेटेड हिस्सा
8.6 किमी भूमिगत हिस्सा
28 मेट्रो स्टेशन कुल
21 एलिवेटेड स्टेशन
7 भूमिगत स्टेशन