नई दिल्ली
एक दशक से भी ज्यादा का समय हो गया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच आखिरी द्विपक्षीय सीरीज खेली गई थी। राजनीतिक मसलों की वजह से यह दोनों टीमें बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंट में ही एक दूसरे के खिलाफ खेलती नजर आती है। इंडिया वर्सेस पाकिस्तान आखिरी द्विपक्षीय सीरीज 2012-13 में खेली गई थी जिस पाकिस्तान ने भारत का दौरा किया था, वहीं टीम इंडिया तो 2005-06 में आखिरी बार पाकिस्तान गई थी। पाकिस्तान अकसर भारत के खिलाफ द्विपक्षीय सीरीज खेलने की इच्छा जताता रहा है, मगर भारत की ओर से कभी इसका पॉजिटिव रिस्पॉन्स नहीं आया। इसका प्रमुख कारण बॉर्डर पर अशांति है। जब टीम इंडिया के लीजेंड सुनील गावस्कर से इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने
सुनील गावस्कर से हाल ही में स्पोर्ट्स सेंट्रल पर पाकिस्तानी क्रिकेट शो ‘ड्रेसिंग रूम’ में यह सवाल पूछा गया था और उन्होंने कहा था कि जब तक सीमा पर शांति नहीं हो जाती, तब तक द्विपक्षीय क्रिकेट संबंधों की बहाली पर बात नहीं हो सकती। सुनील गावस्कर ने कहा "सच कहूं तो जब बॉर्डर पर शांति होगी। अगर बॉर्डर पर शांति है, तो मुझे लगता है कि दोनों सरकारें निश्चित रूप से कहेंगी, 'देखिए, ठीक है, हमारे यहां कोई घटना नहीं हुई, बिल्कुल भी नहीं। तो चलिए कम से कम बातचीत से शुरुआत करते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "मुझे पूरा यकीन है कि कुछ बैक-चैनल कनेक्शन चल रहे होंगे। लेकिन आप देखना चाहते हैं कि जमीन पर और जमीन से बाहर क्या हो रहा है, क्योंकि हम घुसपैठ के बारे में सुनते हैं। यही कारण है कि भारतीय सरकार कह रही है, 'देखिए, शायद जब तक यह सब बंद नहीं हो जाता, हमें कुछ भी करने या बात करने के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए।"
पाकिस्तान और यूएई में जारी चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी पहले सिर्फ पाकिस्तान के पास थी, मगर जब बीसीसीआई ने अपनी टीम को पाकिस्तान भेजने से इनकार कर दिया तो आईसीसी ने इस टूर्नामेंट को हाईब्रिड मॉडल के आधार पर कराया। यह टूर्नामेंट अब पाकिस्तान और यूएई में खेला जा रहा है।