मुंबई
नमक से सॉफ्टवेयर प्रोवाइडर टाटा ग्रुप (Tata Group) अपने एक और कंपनी का IPO लाने की तैयारी कर रहा है. इस आईपीओ का साइज 15000 करोड़ रुपये से ज्यादा का होने वाला है. टाटा की इस कंपनी ने सेबी के पास डॉक्यूमेंट्स सबमिट किया है. टाटा की यह कंपनी TATA Capital है, जो फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइड कराती है.
रिपोर्ट के मुताबिक, नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विस फर्म और Tata Sons की सहायक फर्म ने मार्केट रेग्युलेटर SEBI के पास कॉन्फिडेशियल प्री-फाइलिंग रूट के जरिए पेपर जमा किया है.
IPO के जरिए कितने जारी होंगे शेयर?
25 फरवरी को टाटा कैपिटल (Tata Capital) के बोर्ड ने IPO प्लान अप्रूव किया था. इस आईपीओ के जरिए 23 करोड़ शेयर फ्रेश इश्यू के जरिए जारी किए जाएंगे. ऑफर फॉर सेल पर मौजूदा शेयर होल्डर्स द्वारा इक्विटी जारी किया जाएगा. कंपने के मुताबिक, स्टॉक मार्केट के कंडीशन और रेग्युलेटरी क्लियरेंस के आधार पर IPO जारी किया जाएगा. अभी आईपीओ लाने का क्लियर डेट नहीं है.
टाटा कैपिटल में इन फर्मों की हिस्सेदारी
31 मार्च तक टाटा संस (Tata Sons) के पास टाटा कैपिटल लिमिटेड (Tata Capital) के 92.83% शेयर होल्डिंग थी. इसमें टाटा ग्रुप की और कंपनियों और IFC की भी हिस्सेदारी है. पहले बताया गया था कि टाटा कैपिटल गोपनीय प्री-फाइलिंग सिस्टम का यूज करते हुए मार्च के आखिरी या अप्रैल की शुरुआत तक पेपर को अंतिम रूप देकर पेश कर देगा.
IPO के लिए इन बैंकों की ली मदद
कंपनी ने IPO की तैयारी में सलाहकार सहायता के लिए कोटक महिंद्रा कैपिटल (Kotak Mahindra Capital), सिटी, जेपी मॉर्गन (JP Morgan), एक्सिस कैपिटल (Axis Capital), ICICI सिक्योरिटीज, SBC सिक्योरिटीज, IIFL कैपिटल, बीएनपी पारिबा (BNP Paribas), SBI कैपिटल और HDFC बैंक समेत 10 निवेश बैंकों की सेवाएं ली हैं.
क्यों आ रहा टाटा का ये IPO?
टाटा ग्रुप की ओर से लिया गया है ये फैसला RBI के उस निर्देश के अनुरूप है, जिसमें टॉप एनबीएफसी को अधिसूचना के तीन साल के भीतर सार्वजनिक होने का निर्देश दिया गया है, जो सितंबर 2025 तक निर्धारित है. टाटा कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज, जो अब जनवरी 2024 तक टाटा कैपिटल के साथ विलय हो चुकी है, को नियामक सूची में शामिल किया गया है.
इसके अलावा, जून 2024 में, टाटा मोटर्स लिमिटेड (TML), टाटा कैपिटल लिमिटेड (TCL) और टाटा मोटर्स फाइनेंस लिमिटेड (TMFL) के निदेशक मंडल ने एनसीएलटी व्यवस्था योजना के माध्यम से TMFL के साथ टीसीएल के विलय को मंजूरी दे दी है. विलय समझौते के हिस्से के रूप में, टीसीएल अपने इक्विटी शेयर TMFL शेयरधारकों को जारी करेगा, जिससे TML के पास संयुक्त इकाई में 4.7 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी.
क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट क्या कहता है?
क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि Tata Sons ने पिछले पांच वित्तीय वर्षों में टाटा कैपिटल लिमिटेड में कुल 6,097 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इसमें वित्त वर्ष 2019 में 2,500 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2020 में 1,000 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2023 में 594 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024 में 2,003 करोड़ रुपये शामिल हैं, जो समूह के कर्ज कारोबार पर बढ़ते फोकस को दर्शाता है.
इस फैसले से टाटा कैपिटल, टाटा प्ले, ओयो, स्विगी, विशाल मेगा मार्ट, क्रेडिला फाइनेंशियल सर्विसेज, इंदिरा आईवीएफ और फिजिक्सवाला के बाद गोपनीय प्री-फाइलिंग मार्ग को चुनने वाली आठवीं प्रमुख भारतीय फर्म बन गई है.