कानपुर
मंधना-अनवरगंज एलीवेटेड रेलवे ट्रैक के निर्माण की निविदा 15 मई को जारी कर दी गई है। 30 जुलाई तक निविदा की अंतिम तारीख है। दो चरणों में 15.51 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक का निर्माण दो चरणों में 1115.65 करोड़ रुपये से होगा। पहले ये धनराशि 995 करोड़ रुपये बताई गई थी। निर्माण कार्य दो साल में 2027 तक पूरा करने की मियाद रखी गई है।
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के सामने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से नया रेलवे स्टेशन व भवन बनेगा, जबकि कल्याणपुर व रावतपुर स्टेशन खत्म हो जाएंगे। इसके निर्माण से दो लोकसभा क्षेत्रों कानपुर व अकबरपुर के अंतर्गत 18 रेलवे क्रासिंगें खत्म हो जाएंगी, जिससे 50 लाख आबादी जाम से मुक्त हो जाएगी। जीटी रोड के समानांतर ट्रैक निर्माण से डेढ़ दर्जन से अधिक बाजारों में कारोबारी खुशहाल होंगे।
पीएम मोदी कर सकते हैं शिलान्यास
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने हर अड़चन दूर करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ की सराहना भी की थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस परियोजना का शिलान्यास कर सकते हैं। इसके लिए सांसद रमेश अवस्थी की तरफ से प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भी भेजा जा चुका है। वर्ष 2004 में 21 साल पहले एलीवेटेड रेलवे ट्रैक की परियोजना को लेकर कवायद शुरू हुई थी। इसके बाद लगातार ये मुद्दा उठाया जाता रहा। 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान शिलान्यास तक बात पहुंची पर फिर मामला उलझ गया। कानपुर सांसद रमेश अवस्थी ने इस परियोजना को धरातल पर उतारने का वादा चुनाव जीतते ही किया था।
उन्होंने लगातार प्रयास करके अब एलीवेटेड ट्रैक परियोजना को धरातल पर लाने का तानाबाना बुन दिया है। पिछले दिनों मंडलायुक्त के. विजयेन्द्र पांडियन ने रेलवे अफसरों के साथ अटल बिहारी बाजपेयी स्टेशन के लिए कृषि विभाग की भूमि देखी थी। परियोजना में राज्य सरकार के अंश के तहत भूमि व लगभग 150 भवनों, दुकानों के अधिग्रहण की मुआवजा धनराशि के लिए 52 करोड़ का प्रस्ताव भेजा, जो मंजूर कर लिया गया है।
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी अभय गुप्ता ने बताया था कि रेल मंत्रालय से डीपीआर समेत सभी स्वीकृति मिल चुकी हैं। अब कोई बाधा शेष नहीं है। जरीब चौकी रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज के लिए शासनादेश व धनराशि के लिए काम पूरा हो चुका है। यह परियोजना कानपुर में विकास की बड़ी लकीर साबित होगी। जीटी रोड के समानांतर मंधना-अनवरगंज एलीवेटेड रेलवे ट्रैक लाइफ लाइन जैसा है। उत्तर से दक्षिण के लिए प्रतिदिन 20 लाख से अधिक लोग आवाजाही करते हैं, जबकि दूसरे जिलों समेत 50 लाख लोगों में कर्मचारी, मरीज व कारोबारी आते-जाते हैं।
दो साल ट्रेनें रहेंगी डायवर्ट, ट्रैक होगा तैयार
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के अनुसार, परियोजना का निर्माण दो साल में पूरा होगा। ट्रैक निर्माण की आधारशिला के साथ लगभग 50 ट्रेनों का डायवर्जन होगा, जो दो साल 2027 तक रहेगा। उस समय ट्रेनें दिल्ली-हावड़ा, दिल्ली से वाया लखनऊ, बरेली से दिल्ली हावड़ा रेलवे ट्रैक से निकाली जाएंगी। पैसेंजर ट्रेनें मंधना तक चलेंगी। ट्रैक निर्माण शुरू होते ही क्रासिंगें खत्म कर दी जाएंगी।