जबलपुर
मध्य प्रदेश राज्य तीरंदाजी अकादमी के खिलाड़ी एक साथ इस्तीफा देने पहुंचे। खिलाड़ियों का आरोप है कि पिछले दो-तीन वर्षों से उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। खेलो इंडिया गेम्स के लिए जरूरी प्रशिक्षण और उपकरण नहीं मिल रहे, ऊपर से जबरन सेशन ऑफ बताकर छुट्टी पर भेजा जा रहा है। 2006-07 में शुरू हुए मप्र अकादमी मॉडल में यह पहला मामला है, जब सभी खिलाड़ी एक साथ सामूहिक इस्तीफा देने पहुंचे।
अकादमी खाली करने का फरमान
जानकारी के मुताबिक खिलाड़ियों को अकादमी खाली करने का फरमान जारी कर दिया गया है। खिलाड़ियों का आरोप है कि खेल अधिकारी की मनमानी के चलते वे प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे हैं। जबकि अप्रैल महीने में ही खिलाड़ियों के कई मेजर टूर्नामेंट होने वाले हैं। वहीं मई महीने में भी इंटरनेशनल टूर्नामेंट होने है, ऐसे में अकादमी शिफ्ट करने के नाम खिलाड़ियों से अकादमी खाली करवाई जा रही है। इस्तीफा देने पहुंचे खिलाड़ियों ने जानबूझकर टूर्नामेंट में न भेजने का भी गंभीर आरोप लगाया है।
जिला खेल अधिकारी पर प्रताड़ना का लगाया आरोप
तीरंदाजी के खिलाड़ियों ने जिला खेल अधिकारी आशीष पांडे पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। इसके पहले भी तीरंदाजी संगठन के बीच में विवाद हो चुके हैं। भोपाल और दिल्ली के अधिकारी द्वारा समझाइश के बाद भी बात नहीं बन पाई है। वहीं, जिला खेल अधिकारी आशीष पांडे ने कहा कि जो नियम है, जो गाइडलाइन है उसी के तहत बच्चों का चयन होता है। उन्होंने कहा कि एसोसिएशन के बीच जो विवाद था उसे सुलझा लिया गया है, बच्चों और कोचेस को आपस में तालमेल बैठना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अकादमी को रांझी में नई बिल्डिंग में शिफ्ट किया जा रहा है, इसलिए एक महीने की छुट्टी दी गई है।
खिलाड़ी ने बताई व्यथा
तीरंदाजी खिलाड़ी रागिनी मार्को ने कहा कि पिछले तीन साल से अकादमी में यही स्थिति बनी हुई हैं, हम ठीक तरह से प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे हैं। हमें खेल अधिकारी आशीष पांडे की तरफ से सपोर्ट नहीं किया जा रहा है। खिलाड़ी ने कहा कि हम सरकार की तरफ से चयनित हुए है, जब हमें प्रैक्टिस ही करने नहीं दिया जाएगा तो एकेडमी में रह कर हम क्या ही करें।