पाकिस्तानी सेना ने प्रेस कॉफ्रेंस में जमकर झूठ बोला, हालांकि इस झूठ के बखान में उसके पोल भी खुल गई

नई दिल्ली
भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर सहमति तो बन गई है, लेकिन भारत की शर्तों पर। पाकिस्तान अपनी हार छिपाने के लिए बड़ी-बड़ी डींगे हांक रहा है। पाकिस्तानी सेना ने प्रेस कॉफ्रेंस में जमकर झूठ बोला। हालांकि इस झूठ के बखान में उसके पोल भी खुल गई। पाकिस्तानी सेना के बड़े अफसर ने कैमरे के सामने कबूल किया कि पुलवामा आतंकी हमला उसने किया था। बता दें कि पाकिस्तान हमेशा पुलवामा आतंकी हमले में अपनी भूमिका से इनकार करता आया है। पाकिस्तानी सेना का यह बयान अब सोशल मीडिया पर उनकी ही सरकार की किरकिरी कर रहा है।

2019 के पुलवामा आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान ने पहली बार सार्वजनिक मंच से अपनी भूमिका स्वीकार की है। पाकिस्तान एयरफोर्स के प्रवक्ता एयर वाइस मार्शल औरंगजेब अहमद ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हमने पुलवामा में अपनी टैक्टिकल ब्रिलिएंस से उन्हें समझाने की कोशिश की थी…" यह बयान पाकिस्तान की वर्षों से चली आ रही उस रणनीति को पूरी तरह झुठला देता है, जिसमें वह पुलवामा हमले में अपनी संलिप्तता से इनकार करता रहा है। औरंगजेब अहमद का यह दिखावटी बहादुरी अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों के सामने आया, जिसमें उनके साथ DG ISPR लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी और नौसेना प्रवक्ता भी मौजूद थे।

पाकिस्तान के झूठ की पोल खुली
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में एक आत्मघाती हमला हुआ था, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े आतंकवादी ने सीआरपीएफ के 40 जवानों को शहीद कर दिया था। भारत ने इस हमले के लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था, लेकिन पाकिस्तान ने हमेशा इन आरोपों को खारिज किया। अब एयर वाइस मार्शल औरंगजेब के इस बयान ने न केवल पुलवामा हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता को उजागर कर दिया है।

पाकिस्तान का दोहरा चेहरा
औरंगजेब ने कहा, "अगर पाकिस्तान की सीमा, जमीन, जल या लोग खतरे में हों, तो कोई समझौता नहीं होगा। पुलवामा में हमने टैक्टिकल ब्रिलिएंस से संदेश देने की कोशिश की थी, अब हमने रणनीतिक स्तर पर भी क्षमता दिखा दी है।" इस बयान ने पाकिस्तान की कूटनीतिक पाखंड और दोहरे रवैये को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया है।

बालाकोट एयर स्ट्राइक
पुलवामा हमले के बाद भारत ने बालाकोट एयरस्ट्राइक के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविर को नष्ट कर दिया था। इस ऑपरेशन में 12 मिराज-2000 लड़ाकू विमानों ने जैश के सबसे बड़े ठिकाने को तबाह किया था।

 

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