बांके बिहारी कॉरिडोर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने रास्ता साफ किया, इस फैसले से ठाकुरजी के भक्त गदगद

मथुरा
बांके बिहारी कॉरिडोर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने  रास्ता साफ कर दिया। इस फैसले से ठाकुरजी के भक्त गदगद हैं। कॉरिडोर बनने के बाद दर्शन के दौरान और मंदिर तक पहुंचने के लिए लोगों को जद्दोजहद नहीं करनी पड़ेगी और ना ही दर्शन के दौरान लोगों को घुटन महसूस होगी। यही नहीं भीड़ के कारण अव्यवस्था भी नहीं फैलेगी। कॉरिडोर ऐसा होगा कि वहां एक साथ करीब छह हजार श्रद्धालु आ जाएंगे। साथ ही उनके लिए वेटिंग हॉल, और पार्किंग की बेहतर सुविधा रहेगी।

वर्तमान में बांके बिहारी मंदिर का आंगन 300 वर्गमीटर का है, जिसकी क्षमता 650 श्रद्धालुओं की है। इसका बाहरी प्रांगण 450 वर्गमीटर का है, जिसकी क्षमता 1000 श्रद्धालुओं की है। जबकि यहां पर रोजाना हजारों श्रद्धालु आते हैं और विशेष अवसरों पर तो यह संख्या लाखों में हो जाती है। यही कारण है कि ऐसी स्थिति में श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। कॉरिडोर बनने के बाद उसमें एक साथ छह हजार श्रद्धालु आ सकेंगे।

कानूनी प्रक्रिया से गुजरने के बाद आखिर बांके बिहारी कॉरिडोर का रास्ता साफ हो गया है। बिहारी जी कॉरिडोर के लिए जमीन खरीदने के लिए पैसा मंदिर कोष से लिया जाए, इसे लेकर कोर्ट भी कोर्ट ने साफ कर दिया है कि मंदिर कोष से 500 करोड़ रुपये लिये जाएंगे। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हरी झंडी देने के बाद अब बिहारी जी कॉरिडोर का कार्य जल्दी ही शुरू हो सकता है। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार इसके लिए बजट में भी प्रावधान कर चुकी है।

बांकेबिहारी मंदिर कॉरीडोर का जो नक्शा प्रशासन ने तैयार कराया है, वह ऐसा है कि कॉरिडोर बनने के बाद श्रद्धालुओं को भीड़ भरे माहौल से मुक्ति मिल जाएगी। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी दर्शन सुविधाजनक होंगे। कॉरीडोर के दृष्टिगत जहां सुनरख में पार्किंग तैयार होगी, वहीं बांकेबिहारी मंदिर के सामने और देवराह बाबा घाट पर सस्पेंशन पुल बनाए जाएंगे। बांकेबिहारी मंदिर कॉरीडोर के प्रस्तावित डिजाइन में इन विकास कार्यों को सम्मिलित किया गया है।

कई पार्किंग होंगी, हजारों वाहन हो सकेंगे पार्क
बिहारी जी कॉरिडोर की ओर आने वाले हर रास्ते पर पार्किंग बनायी जाएंगी। ऐसे में एक नहीं कई पार्किंग होंगी, जिनमें हजारों वाहन खड़े किये जा सकेंगे। हाईवे की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 26 हजार वर्गमीटर में सुनरख पार्किंग तैयार की जाएगी। इसमें 2600 वर्गमीटर का एरिया कवर्ड होगा। इस पार्किंग में करीब एक हजार वाहन एक बार में खड़े हो सकेंगे।

एक पार्किंग यमुना पार बेगमपुर (कॉरिडोर के ठीक सामने) में 12 हेक्टेयर में ग्रीन पार्किंग बनेगी, जिसमें करीब चार हजार वाहन खड़े हो सकेंगे। यह ग्रीन पार्किंग होगी, क्योंकि यहां हरियाली के बीच में वाहन पार्क होंगे। यहां से एक एलीवेटेड बिहारी जी से जोड़ेगा। इस रोड की खासियत यह होगी कि इस पर सिर्फ गोल्फ कार्ट चलेंगी और श्रद्धालु इससे पैदल भी आ सकेंगे। इसके अलावा पानीगाम, नगला रामताल में भी बड़ी पार्किंग प्रस्तावित हैं।

11 हजार वर्गमीटर में यात्री सुविधाएं
बांकेबिहारी ब्रिज पार्किंग से लेकर कॉरीडोर तक करीब 11 हजार वर्गमीटर के रास्ते में यात्री सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। कॉरीडोर तक ई-रिक्शा चलाये जाएंगे या गोल्फकार्ट चलेंगी। बड़े वाहन कॉरिडोर तक नहीं पहुंचेंगे, उनको पार्किंग में पार्क करना होगा। कॉरिडोर में यात्री विश्राम स्थल, पेयजल, शौचालय, वाई-फाई, फूडकोर्ट आदि की सुविधाएं होंगी।

मुल स्वरूप रहेगा यथावत, बाहर होगी आधुनिकता
श्रीबांकेबिहारी मंदिर का कॉरिडोर भव्य और दिव्य होगा, जिसमें परंपरा और आधुनिकता का समावेश होगा। इस कॉरिडोर में मंदिर के मूल स्वरूप को यथावत रखते हुए बाहरी क्षेत्र के विस्तारीकरण और पहुंच मार्गों के चौड़ीकरण की कार्ययोजना तैयार की गई है।

जब उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बांकेबिहारी मंदिर की व्यवस्थाओं के सुधार के लिए कॉरिडोर की परिकल्पना की थी, तभी उन्होंने मथुरा के अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि कॉरिडोर की परियोजना ऐसी हो, जहां मंदिर के मूल स्वरूप को किसी भी कीमत पर परिवर्तित न किया जाए और न किसी परंपरा को तोड़ा जाए। सीएम के इसी निर्देश पर बांकेबिहारी कॉरिडोर को डिजाइन किया गया। इसमें मंदिर के मूल स्वरूप को यथावत रखते हुए बाहरी परिसर को विस्तारित किया जाएगा।

अभी तक हाल यह है कि मंदिर के बाहर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है, जहां भीड़ बढ़ने पर श्रद्धालुओं को रोका जा सके। इससे श्रद्धालु निरंतर मंदिर की ओर बढ़ते चले जाते हैं। जहां पुलिस बैरियर लगा देती है, वहां धक्का मुक्की हो जाती है लेकिन कॉरिडोर में ऐसा नहीं होगा। नए डिजाइन में बांकेबिहारी मंदिर के बाहर द्विस्तरीय क्षेत्र होगा, जो खुला भी होगा और कवर्ड भी। मंदिर के बाहर इस खुले परिसर के बीच में बड़ा फव्वारा होगा, जिसके चारों ओर चार बगीचे होंगे।
 

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