जल्द ही ओरछा से अयोध्या तक वंदे भारत ट्रेन चलेगी, सिंधिया ने रेल मंत्री को पत्र लिखा

निवाड़ी 
 श्री राम राजा सरकार की पावन नगरी ओरछा से अयोध्या तक सीधी रेल सेवा की मांग लंबे समय से की जा रही है. ये सुविधा शुरू होने से बुंदेलखंड के लोग सीधे अयोध्या पहुंच सकते हैं. लोगों की इसी भावना को देखते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखा है. पत्र में सिंधिया ने ओरछा से सीधे अयोध्या तक वंदे भारत ट्रेन चलाने की मांग की है.

ओरछा, चित्रकूट और अयोध्या में काफी समानताएं

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पत्र में लिखा "सर्वव्यापक राजाराम के दो निवास हैं ओरछा और अयोध्या. ओरछा से जुड़े छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, झांसी के साथ ही ग्वालियर के आसपास के जिलों की मांग लंबे समय है कि अयोध्या के लिए सीधी रेल सेवा शुरू की जाए." मान्यता है कि श्रीराम राजा सरकार दिन में ओरछा में रहते हैं और रात्रि विश्राम अयोध्या में करते हैं. इसलिए यदि यह ट्रेन वीरांगना लक्ष्मी बाई झांसी से चलकर ओरछा, चित्रकूट, प्रयागराज होते हुए अयोध्या तक शुरू कर कर दी जाए तो धर्म में आस्था रखने वालों को प्रभु श्री राम के तीनों प्रमुख तीर्थों के दर्शन की सुविधा मिल सकेगी.

प्रयागराज में पवित्र स्नान का भी लाभ भक्तों को मिलेगा

सिंधिया ने पत्र में लिखा है "ये ट्रेन शुरू होने से भक्तों को त्रिवेणी संगम प्रयागराज में स्नान करने का भी सौभाग्य प्राप्त हो सकेगा. इस प्रकार इस ट्रेन के चलने से यह चारों प्रमुख धार्मिक नगर आपस में जुड़ जाएंगे. यदि यह ट्रेन प्रारंभ होती है तो यह मार्ग धार्मिक, पर्यटन, व्यापारिक गतिविधियों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का नया केंद्र बनेगा. यात्रियों को आरामदायक, आधुनिक और तीव्र गति का सफर मिलेगा, वहीं ओरछा की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मजबूत होगी."

अन्य ट्रेनों का स्टॉपेज भी ओरछा में करने की मांग

केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने पत्र में उल्लेख किया "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं ओरछा को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी के रूप में विकसित करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं. अतः यह ट्रेन न केवल श्रद्धा का सेतु बनेगी बल्कि प्रधानमंत्री की दृष्टि को भी साकार करेगी." सिंधिया ने पत्र में ओरछा स्टेशन से गुजरने वाली तुलसी एक्सप्रेस, महाकौशल एक्सप्रेस, चंबल एक्सप्रेस और उत्तर प्रदेश संपर्क क्रांति एक्सप्रेस का स्टॉपेज भी करने की मांग रखी है. 

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