इंदौर के तीन साइंटिस्ट्स दुनिया के टॉप 2% रिसर्चर्स में शामिल, DAVV और UGC-DAE को मिली वैश्विक मान्यता

इंदौर 

इंदौर ने एक बार फिर रिसर्च के क्षेत्र में देश का नाम रोशन किया है। देवी अहिल्या विवि की प्रो. अंजना जाजू, डॉ. मुकेशचंद्र शर्मा और UGC-DAE के डायरेक्टर डॉ. वसंत साठे को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (अमेरिका) और एल्सेवियर द्वारा जारी विश्व के शीर्ष 2% वैज्ञानिकों चुना। 

यह रैंकिंग वैज्ञानिकों के एच-इंडेक्स, शोध पत्रों की संख्या और प्रभाव के आधार पर तय होती है। इसमें कुल 22 विषयों और 174 उप-क्षेत्रों के वैज्ञानिकों का मूल्यांकन किया जाता है। इंदौर के तीनों वैज्ञानिक कंसोर्टियम फॉर साइंटिफिक रिसर्च से जुड़े हैं। देवी अहिल्या विवि के कुलपति प्रो. राकेश संघवी और UGC-DAE के डायरेक्टर प्रो. कौस्तुभ प्रियोलकर ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि यह इंदौर और भारत के लिए गौरव की बात है।

इन रिसर्च के कारण सूची में आया नाम

डॉ. अंजना जाजू को जल-संकट में फसलों की स्थिरता पर शोध के लिए लगातार छठे वर्ष यह सम्मान मिला है। डॉ. मुकेश शर्मा को फार्मेसी व फार्माकोलॉजी में योगदान के लिए लगातार चौथे साल वैश्विक मान्यता मिली है। डॉ. वसंत साठे ने रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी के जरिए परमाणु स्तर पर कंपनों को मापने की नई तकनीक विकसित की है इसलिए उन्हें विश्व स्तरीय मान्यता मिली है।

यह मान्यता एक समग्र स्कोर पर आधारित है, जो शोध प्रभाव का मूल्यांकन साइटेशन, H-इंडेक्स, सह-लेखक मानदंडों और 170 से अधिक वैज्ञानिक उप-शाखाओं में प्रकाशन के महत्व के आधार पर करता है।

डॉ. अंजलि जाजू: लगातार छह वर्षों से वैश्विक रैंकिंग में
DAVV के बायलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. अंजलि जाजू ने लगातार छठे वर्ष (2020–2025) इस सूची में अपनी जगह बनाई है। इसमें उनके निरंतर योगदान और वैश्विक वैज्ञानिक अनुसंधान में उत्कृष्टता साबित हुई है। उनका शोध पौध विज्ञान (Plant Sciences) के क्षेत्र में है, जो जलवायु-प्रतिरोधी कृषि पद्धतियों के विकास पर केंद्रित है, विशेष रूप से कम जल उपलब्धता में मक्का और गेहूं की खेती के तरीकों पर।

उन्होंने माइक्रोप्लास्टिक के प्रभाव और सूक्ष्म जीवों के माध्यम से उनके अपघटन पर भी महत्वपूर्ण शोध किया है, जो वर्तमान में पर्यावरणीय चिंता का एक बड़ा विषय है। डॉ. जाजू की लगातार वैश्विक उपस्थिति उनके मौलिक और अनुप्रयुक्त पौध जीवविज्ञान (Plant Biology) में बढ़ते प्रभाव को दर्शाती है।

डॉ. मुकेशचंद्र शर्मा: लगातार चौथे साल मान्यता

देवी अहिल्या विवि के स्कूल ऑफ फार्मेसी के एसोसिएट प्रो. डॉ. मुकेशचंद्र शर्मा को भी क्लिनिकल मेडिसिन, फार्मेसी और फार्माकोलॉजी के क्षेत्रों की सूची में शामिल किया गया है। यह लगातार चौथा वर्ष है जब डॉ. शर्मा ने यह सम्मान प्राप्त किया है।

उनके शोध में Elsevier, Springer, Bentham Science और Taylor & Francis जैसी शीर्ष अंतरराष्ट्रीय जर्नलों में प्रकाशित 100 से अधिक शोध पत्र शामिल हैं। उनका काम हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कैंसर-रोधी दवाओं के विकास, जैव सामग्री (biomaterials) और कंप्यूटर से औषधि डिजाइन जैसे कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य क्षेत्रों को कवर करता है। उनका लगातार चयन फार्मास्युटिकल विज्ञान और अनुसंधान में उनके बढ़ते योगदान का प्रमाण है।

डॉ. वसंत साठे: रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी के माध्यम से पदार्थ विज्ञान को आगे बढ़ाया

UCG-DAE कंसोर्टियम फॉर साइंटिफिक रिसर्च से जुड़े डॉ. वसंत साठे को लगातार दूसरे वर्ष विश्व के शीर्ष 2% शोधकर्ताओं की सूची में शामिल किया गया है। डॉ. साठे अपने रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी के क्षेत्र में अग्रणी कार्य के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने एक नई विधि विकसित की है, जो 10⁻¹⁵ मीटर जितने सूक्ष्म परमाणु स्तर के संरचनात्मक परिवर्तनों को मापने में सक्षम है। यह खोज सघन पदार्थ भौतिकी (Condensed Matter Physics) में जटिल पदार्थों के गुणों को समझने की दिशा में नए आयाम खोलती है।

DAVV परिसर स्थित यह UGC-DAE सेंटर, यूजीसी द्वारा वित्तपोषित एक राष्ट्रीय अनुसंधान सुविधा है, जो देशभर के वैज्ञानिकों को उन्नत प्रयोगशाला संसाधन उपलब्ध कराता है। डॉ. साठे की यह उपलब्धि इस केंद्र की अत्याधुनिक प्रायोगिक अनुसंधान क्षमता को और सशक्त बनाती है।

कुलपति ने की सराहना

कुलपति प्रो. राकेश सिंह ने इन वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा दिलाने वाली है। यह मान्यता विवि की शैक्षणिक और अनुसंधान क्षमता को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करती है।

UGC-DAE के डायरेक्टर प्रो. कौस्तुभ प्रयोलकर ने इस उपलब्धि को संस्थान की अनुसंधान संस्कृति, उत्कृष्टता और समर्पण का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की वैश्विक मान्यता युवा शोधकर्ताओं को प्रेरित करती है कि वे महत्वाकांक्षी वैज्ञानिक लक्ष्यों को प्राप्त करने और समाज व उद्योग में सार्थक योगदान देने की दिशा में काम करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *